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कुपोषण निवारण कार्यक्रमों को और प्रभावी बनायें – डॉ. गोयल कलेक्टर ने विभागीय अधिकारियों को दिए निर्देश

जिले में स्नेह सरोकार योजना के तहत कुपोषण निवारण कार्यक्रम को और प्रभावी बनाया जायेगा। कलेक्टर डॉ. संजय गोयल ने अति कम वजन के बच्चों की बेहतर देखभाल एवं सुपोषण प्रगति की मॉनीटरिंग के लिये जिला एवं खण्ड स्तरीय अधिकारियों को एक-एक गाँव का उत्तरदायित्व सौंपने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सामुदायिक सहभागिता से अति कम वजन के बच्चों को सुपोषित करने के अभियान को और तेज करने की हिदायत भी दी है।

डॉ. गोयल ने अटल बाल मिशन की जिला स्तरीय समिति द्वारा लिए गए निर्णयों पर तत्परता से पालन करने की हिदायत विभागीय जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री बृजेश कुमार त्रिपाठी सहित एकीकृत बाल विकास सेवा के सभी परियोजना अधिकारियों को दी है।

      कलेक्टर ने कहा है कि जिन मजरे-टोले व मोहल्लों में आंगनबाड़ी केन्द्र नहीं हैं, वहाँ पर चलित आंगनबाड़ी के माध्यम से अति कम वजन के बच्चों को आंगनबाड़ी सेवायें मुहैया कराई जायें। डॉ. गोयल ने हर आंगनबाडी केन्द्र में आयु और वजन के आधार पर चिन्हित किए गए बच्चों की सूची अद्यतन रखने पर जोर दिया है। साथ ही कहा है कि इन बच्चों की सतत निगरानी रखकर उन्हें सुपोषित करने के लिये सभी आवश्यक सुविधायें मुहैया कराई जाएँ।

      जन्म से पाँच वर्ष तक के बच्चों का नियमित रूप से वजन लेने के लिये आशा कार्यकर्ताओं की ड्यूटी लगाने के निर्देश भी कलेक्टर ने दिए हैं। उन्होंने कहा है कि अति कम वजन के बच्चों को शासकीय योजनाओं का लाभ दिलाए जाने के साथ-साथ उनकी माताओं को भी बच्चों की बेहतर देखभाल करने का प्रशिक्षण जरूर दिलायें।

      कलेक्टर ने आयुष विभाग की खीरपाक पद्धति से भी अति कम वजन के बच्चों के पोषण स्तर में सुधार के प्रयास किए जाएँ। मालूम हो इस पद्धति के तहत एक माह तक अति कम वजन के बच्चों को आयुर्वेद पद्धति से तैयार विशेष खीर खिलाई जाती है। साथ ही उनकी तेल मालिश की जाती है। इस पद्धति से बच्चे तेजी से सुपोषण प्राप्त करते हैं।

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