Homeदेश विदेश ,
नवाज़ शरीफ़ के दूत बोले: अमेरिका घटती शक्ति है, इसलिए पाकिस्तान करेगा चीन-रूस का रुख

कश्मीर मुद्दे पर शरीफ के विशेष दूत मुशाहिद हुसैन सैयद को ‘अटलांटिक काउंसिल‘ में चर्चा के समापन के बाद यह कहते सुना गया, ‘अमेरिका अब वैश्विक शक्ति नहीं है। वह घटती हुई शक्ति है। उसके बारे में भूल जाओ।’

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के दूतों ने कहा कि अमेरिका अब वैश्विक शक्ति नहीं है’ और यदि कश्मीर एवं भारत के संबंध में देश के विचारों को तवज्जो नहीं दी जाती है तो वह चीन और रूस का रुख करेगा। कश्मीर मुद्दे पर शरीफ के विशेष दूत मुशाहिद हुसैन सैयद को अमेरिका के शीर्ष थिंक टैंकों में शामिल ‘अटलांटिक काउंसिल‘ में चर्चा के समापन के बाद बुधवार (5 अक्टूबर) को यह कहते सुना गया, ‘अमेरिका अब वैश्विक शक्ति नहीं है। वह घटती हुई शक्ति है। उसके बारे में भूल जाओ।’ सैयद के अतिरिक्त कश्मीर मामले पर एक अन्य दूत शाजरा मंसब कश्मीर में मौजूदा हालात और घाटी में कथित मानवाधिकार उल्लंघन की ओर वैश्विक समुदाय का ध्यान आकर्षित करने के पाकिस्तानी प्रयासों के तहत इस समय अमेरिका में हैं।
सैयद ने अमेरिका को यह चेतावनी भी दी कि यदि कश्मीर और भारत के संबंध में पाकिस्तान के विचारों को तवज्जो नहीं दी जाती है तो वह चीन और रूस का रुख करेगा। उन्होंने 90 मिनट की चर्चा के समापन के बाद दर्शकों में से किसी एक सदस्य के प्रश्न का उत्तर देते हुए यह बात कही। इस चर्चा के दौरान उन्होंने कश्मीर एवं भारत पर उनके विचारों को प्रतिक्रिया नहीं मिलने पर निराशा व्यक्त की। à¤¹à¤¾à¤²à¤¾à¤‚कि सैयद की इस टिप्पणी को कैमरे पर रिकॉर्ड नहीं किया गया, लेकिन कक्ष के भीतर मौजूद लोगों ने इसे स्पष्ट रूप से सुना।
सैयद ने अफगानिस्तान एवं पाकिस्तान के लिए अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि रिचर्ड ओल्सन को कश्मीर में कथित मानवाधिकार उल्लंघन संबंधी एक डोजियर दिया। पाकिस्तान की कश्मीर नीति को तवज्जो नहीं मिलने के बीच सैयद ने कहा कि चीन अब दक्षिण एशिया में एक महत्वपूर्ण कारक है। उन्होंने बीजिंग को ‘ग्रेटर साउथ एशिया’ का हिस्सा करार दिया। उन्होंने पाकिस्तान एवं रूस के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास का जिक्र करते हुए कहा, ‘मास्को और इस्लामाबाद के संबंध धीरे-धीरे और लगातार विकसित हो रहे हैं।’ सैयद ने कहा कि रूस सरकार पाकिस्तान को हथियार बेचने के लिए पहली बार सहमत हुई है और अमेरिका को इस बदलते क्षेत्रीय समीकरण पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘दुर्भाग्य से, ओबामा प्रशासन में हमारे क्षेत्र के प्रति, अफगानिस्तान के प्रति अमेरिकी विदेश नीति में कुछ बदलाव आया है।’

Share This News :