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16 करोड़ खर्च, फिर भी 45% स्ट्रीट लाइटें हैं बंद

भोपाल
राजधानी को स्मार्ट बनाने के लिए शहर की स्ट्रीट लाइट्स को भी स्मार्ट बनाना होगा। मौजूद समय में शहर की 45 फीसदी स्ट्रीट लाइटें बंद हैं, जबकि इन पर सालाना करीब 16 करोड़ रुपए खर्च होते हैं। इसके बावजूद शहर की ज्यादातर सड़कों पर अंधेरा पसरा है।
राजधानी के अयोध्या बायपास की स्ट्रीट लाइटें इन दिनों असामाजिक तत्वों का निशाना बनी हुई हैं। वहां पर रहने वाले आसपास के लोग इनको फोड़ कर रात में लोगों को परेशान करते हैं और लूटपाट भी करते हैं। पिछले दिनों इस क्षेत्र की स्ट्रीट लाइटों को नगर निगम के अधिकारियों ने बदलवाया था, लेकिन फिर वह फोड़ दी   हैं और वहां अंधेरा है।  यही हाल शहर की अन्य सड़कों पर भ्ज्ञी है, जहां लाइट नहीं होने से अंधेरा पसरा रहता है। हालांकि व्यवस्था सुधारने को लेकर कवायद चल रही है, लेकिन मामला कागजों से बाहर नहीं आ पाया है। इससे नागरिकों को दिक्कतें हो रही हैं। उनका कहना है कि भोपाल स्मार्ट तभी बनेगा, जब व्यवस्थाएं सुधरेंगी। लाइटें फोड़ने वालों पर केस दर्ज होना चाहिए।

एस्को योजना: निजी हाथों में काम देने से बचत की उम्मीद
नगर निगम स्ट्रीट लाइट्स के मामले में एस्को योजना लागू करने का प्लान बना है। इसके तहत खंभों की लाइट्स को लेकर व्यवस्था निजी हाथों में चली जाएगी। योजना के तहत साल में निगम बिजली बिल पर पैसा खर्च करेगा, लेकिन स्ट्रीट लाइट की आॅपरेटिंग निजी हाथों में रहेगी। ऊर्जा बचत के लिए निजी फर्म हैलोजन और हाई मास्ट लाइन सहित सभी बल्बों को एलईडी से बदल देगी। इससे बिजली बिल करीब 35 फीसदी हो जाएगा। अनुमान है कि 16 करोड़ का बिल 10 करोड़ 40 लाख रुपए तक सिमट जाएगा। बचत का करीब 10 फीसदी पैसा कंपनी निगम को लौटा देगी।

इफळर में भी रोशनी नहीं
शहर की प्रमुख सड़कों पर 37 हजार 976 स्ट्रीट लाइट्स लगी हैं। इनमें से 32 हजार 276 सामान्य, जबकि 5 हजार 700 एलईडी हैं। लेकिन करीब 22 हजार लाइट्स ही जलती हैं। शेष बंद हैं या फिर इनको निगम ने बिल बचाने बंद कर दिया है। इस स्थिति में सड़कों पर दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। इनमें बीआरटीएस कॉरीडोर भी शामिल है। इसकी आधी लाइटें निगम ने बंद कर रखी हैं।

अयोध्या नगर और बायपास की स्ट्रीट लाइटों का बराबर मेंटेनेंस कराया जा रहा है, लेकिन इन्हें असामाजिक तत्व फोड़ रहे हैं। इस संबंध में हम पुलिस की मदद लेने जा रहे हैं। इसके लिए नागरिकों को भी आगे आना होगा।
    à¤²à¥à¤² केबी शर्मा, अधीक्षण यंत्री, नगर निगम विद्युत
प्रमुख सड़कों पर स्ट्रीट लाइट नहीं होने से अंधेरा रहता है। जबकि लोग इसके लिए टैक्स देते हैं, फिर भी सुविधा नहीं मिलती। व्यवस्था सुधरेंगी तभी शहर स्मार्ट बनेगा। स्ट्रीट लाइट तोड़ने वालों पर एफआईआर करानी चाहिए।

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