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किसानों का कर्ज माफ करे या कुर्सी छोड़े : सिंधिया

सतना। पूर्व केन्द्रीय मंत्री व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि यूपीए सरकार ने पूरे देश के किसानों के लिये 72 हजार करोड़ रूपये की माफी योजना लागू की। तो फिर आज इस सरकार को कर्ज माफी के लिये संकोच किस बात की है। संकोच इस बात की है कि ये सरकार सूटबूट वालों की सरकार है, इसलिये इस सरकार को खजाने की चिंता है किसानों की चिंता नहीं है।
उक्त बात पूर्व केन्द्रीय मंत्री व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सतना में पत्रकार वार्ता में कहीं। उन्होंने कहा कि किसानों का कर्ज माफ करें या फिर ये सरकार को बर्खास्त किया जाए। सिंधिया ने केन्द्र व राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जब किसान कर्ज माफी की गुहार लगा रहा है तो सरकार कर्ज माफ करने की हिम्मत क्यूं नहीं जुटा पा रही । बेरोजगारी के मुद्दे पर कहा कि एक फीसदी लोगों को भी रोजगार दिला पाने में असफल रही है। सिंधिया ने कहा कि किसानों की लागत में जहां बढ़ोत्तरी हो रही है, वहीं पिछले तीन साल के मोदी कार्यकाल में सर्मथन मूल्य में एक भी इजाफा नहीं किया गया। जबकि यूपीए सरकार के कार्यकाल के आंकड़ों देखा जाए तो पता चल जायेगा कि कौन सी सरकार किसानों के कल्याण के लिये काम कर रही है। यूपीए सरकार के आखिरी तीन साल के कार्यकाल में कृषि का विकास दर 3.6 फीसदी रहा। जबकि इस सरकार में तीन साल का कार्यकाल देखे तो कृषि विकास दर सिर्फ 1.7 प्रतिशत तक सीमित है। इसी तरह से सूखा, ओलावृष्टि, अतिवृष्टि में कोई मुआवजा राशि किसानों को नहीं मिली। 

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