हर साल बढ़ता है इस विशाल शिवलिंग का आकार
शà¥à¤°à¤¾à¤µà¤£ का पावन माह à¤à¤—वान à¤à¥‹à¤²à¥‡à¤¨à¤¾à¤¥ की आराधना का माह माना जाता है। उतà¥à¤¤à¤° से लेकर दकà¥à¤·à¤¿à¤£ और पूरà¥à¤µ से लेकर देश के पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ तट में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ सारे शिवालयों में इस दौरान à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ की à¤à¥€à¤¡à¤¼ देखते ही बनती है।
इसी कड़ी में आपको छतà¥à¤¤à¥€à¤¸à¤—ढ़ के गरियाबंद के घने जंगलों और पहाड़ियों के बीच सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ à¤à¤¸à¥‡ शिवालय के बारे में बताते है, जो पिछले कà¥à¤› सालों में देशà¤à¤° के शिवà¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ में काफी चरà¥à¤šà¤¾ में रहा है।
रायपà¥à¤° से 90 किमी दूर और गरियाबंद जिला मà¥à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ से 3 किमी दूर गà¥à¤°à¤¾à¤® मरौदा में पहाड़ियों के बीच सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ à¤à¥‚तेशà¥à¤µà¤° महादेव शिवलिंग छतà¥à¤¤à¥€à¤¸à¤—ढ़ का सबसे बड़ा माना जाता है। यह जमीन से लगà¤à¤— 85 फीट ऊंचा व 105 फीट गोलाकार है। गांव के लोग बताते हैं कि पहले यह टीला छोटे रूप में था। धीरे-धीरे इसकी ऊंचाई à¤à¤µà¤‚ गोलाई बà¥à¤¤à¥€ जा रही है।
यह à¤à¥€ किंवदंती हैं कि इनकी पूजा छà¥à¤°à¤¾ नरेश बिंदà¥à¤°à¤¨à¤µà¤¾à¤—ॠके पूरà¥à¤µà¤œà¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ की जाती रही हैं। बताया जाता है कि शिवलिंग पर à¤à¤• हलà¥à¤•à¥€ सी दरार à¤à¥€ है, जिसके कारण लोग इसे अरà¥à¤§à¤¨à¤¾à¤°à¥€à¤¶à¥à¤µà¤° का सà¥à¤µà¤°à¥‚प à¤à¥€ मानते हैं।
राजधानी से दूरी- 90 किमी
आकार - 85 फीट ऊंचा व 105 फीट गोलाकार।
मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ - शà¥à¤°à¤§à¥à¤¦à¤¾à¤²à¥à¤“ं का मानना है कि शिवलिंग पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤µà¤°à¥à¤· लगà¤à¤— 6 से 8 इंच बà¥à¤¤à¤¾ है।