जानिठà¤à¤—वान हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ के पांच सगे à¤à¤¾à¤ˆà¤¯à¥‹à¤‚ के बारे में
यह बात सà¥à¤¨à¤¨à¥‡ में आपको रोचक लगेगी लेकिन यह सच है कि à¤à¤—वान हà¥à¤¨à¤®à¤¾à¤¨ के सगे पांच à¤à¤¾à¤ˆ थे। उनके पिता का नाम वानर राज केसरी था और इस बात की जानकारी 'बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾à¤‚डपà¥à¤°à¤¾à¤£' में मिलती है। इस पà¥à¤°à¤¾à¤£ में à¤à¤—वान हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ के पिता केसरी à¤à¤µà¤‚ उनके वंशजों का वरà¥à¤£à¤¨ मिलता है। इसके अनà¥à¤¸à¤¾à¤° à¤à¤—वान हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ अपने à¤à¤¾à¤ˆà¤¯à¥‹à¤‚ में सबसे बड़े थे। माता अंजनी की कोख से जनà¥à¤® लेने वाले à¤à¤—वान हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ पहले पà¥à¤¤à¥à¤° थे।
'बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾à¤‚डपà¥à¤°à¤¾à¤£' में बताया गया है कि बजरंगबली के बाद कà¥à¤°à¤®à¤¶à¤ƒ मतिमान, शà¥à¤°à¥à¤¤à¤¿à¤®à¤¾à¤¨, केतà¥à¤®à¤¾à¤¨, गतिमान, धृतिमान उनके à¤à¤¾à¤ˆà¤¯à¥‹à¤‚ के नाम हैं। उनके सà¤à¥€ à¤à¤¾à¤ˆà¤¯à¥‹à¤‚ ने शादी की और उनसे संतान à¤à¥€ थीं, जिसने वानर राज के वंश को आगे बढ़ाया। हनà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤œà¥€ के बारे जानकारी वैसे तो रामायण, महाà¤à¤¾à¤°à¤¤, शà¥à¤°à¥€à¤°à¤¾à¤®à¤šà¤°à¤¿à¤¤à¤®à¤¾à¤¨à¤¸ के साथ ही कई हिंदू धरà¥à¤® गà¥à¤°à¤‚थों में मिलती है। लेकिन उनके बारे में कà¥à¤› à¤à¤¸à¥€ बातें हैं जिनका उलà¥à¤²à¥‡à¤– बहà¥à¤¤ कम धरà¥à¤® गà¥à¤°à¤‚थों में मिलता है। उनसे जà¥à¤¡à¤¼à¥€ कई रोचक बातों को आप 'बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾à¤‚डपà¥à¤°à¤¾à¤£' के माधà¥à¤¯à¤® से जान सकते हैं।