चोटी कटी, मचा हड़कंप!
दिलà¥à¤²à¥€-à¤à¤¨à¤¸à¥€à¤†à¤°, यूपी, मधà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶, हरियाणा और राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ जैसे à¤à¤• बड़े इलाके और कई राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में जारी महिलाओं की चोटियां कटने की वारदातों ने हर किसी को उलà¤à¤¾ रखा है. à¤à¤¸à¥‡ लोगों की कोई कमी नहीं, जो इसके पीछे रà¥à¤¹à¤¾à¤¨à¥€ ताकत को जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤° मानते हैं. इस मामले को सà¥à¤²à¤à¤¾à¤¨à¥‡ के लिठदिलà¥à¤²à¥€ पà¥à¤²à¤¿à¤¸ ने पूरी ताकत à¤à¥‹à¤‚क दी हैं. वो मà¥à¤–बिरों से जानकारी जà¥à¤Ÿà¤¾à¤¨à¥‡ के साथ-साथ साइंटिफिक और सायकोलॉजिकल इंवेसà¥à¤Ÿà¤¿à¤—ेशन का सहारा ले रही है. ताकि कहीं से कोई à¤à¤¸à¤¾ सिरा मिले, जिससे इस मामले का राज फाश हो.
सबसे बड़ा सवाल तो यही है कि यदि इसके पीछे किसी शरारती शखà¥à¤¸ या गैंग का ही हाथ है, तो ये गैंग इतनी जलà¥à¤¦à¥€ देश à¤à¤° में अलग-अलग जगह पर महिलाओं को निशाना कैसे बना रहा है? इस गैंग के शखà¥à¤¸ को कोई देख कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ नहीं पाता? जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾à¤¤à¤° मामलों में चोटियां कटने का शिकार होने वाली महिलाà¤à¤‚ सोती हà¥à¤ˆ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ होती हैं या बेहोश कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ हो जाती हैं? जाहिर है, यही वो सवाल है, जो इस वाकयों के रहसà¥à¤¯à¥‹à¤‚ गहरा कर रहे हैं. लेकिन इन सबके बीच सबसे बड़ी चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¥€ पà¥à¤²à¤¿à¤¸ के सामने है. दिलà¥à¤²à¥€ पà¥à¤²à¤¿à¤¸ के पास अबतक à¤à¤¸à¥‡ 11 कॉल आ चà¥à¤•à¥‡ हैं.
कà¥à¤› लोग इन सब के पीछे किसी रूहानी ताकत, à¤à¥‚त या शैतान का हाथ बता रहे हैं, लेकिन पà¥à¤²à¤¿à¤¸ और कानून à¤à¥‚त-पिशाच जैसी बातों पर यकीन कर नहीं सकता. à¤à¤¸à¥‡ में अब पà¥à¤²à¤¿à¤¸ साइंटिफिक इंवेसà¥à¤Ÿà¤¿à¤—ेशन का सहारा ले रही है. मौका-à¤-वारदातों से फॉरेंसिक à¤à¤µà¤¿à¤¡à¥‡à¤‚स जà¥à¤Ÿà¤¾à¤ जा रहे हैं. मनोचिकितà¥à¤¸à¤•à¥‹à¤‚ की मदद लेनी शà¥à¤°à¥‚ की गई है. मनोचिकितà¥à¤¸à¤¾à¤²à¤¯ 'इबहास' के डॉकà¥à¤Ÿà¤° à¤à¥€ जांच में जà¥à¤Ÿà¥‡ हैं. डॉकà¥à¤Ÿà¤°à¥‹à¤‚ ने कà¥à¤› पीड़ितों का à¤à¤¸à¥‡à¤¸à¤®à¥‡à¤‚ट किया है, काउंसिलिंग बाक़ी है. दिलà¥à¤²à¥€ पà¥à¤²à¤¿à¤¸ ने इस पर हाई लेवल की मीटिंग à¤à¥€ की है. हर जतन करने की बात कही गई है.
पà¥à¤²à¤¿à¤¸ की तफà¥à¤¤à¥€à¤¶ पà¥à¤°à¥ˆà¤‚कसà¥à¤Ÿà¤° यानी शरारती ततà¥à¤µà¥‹à¤‚ के इरà¥à¤¦-गिरà¥à¤¦ के अलावा इस बात की तरफ à¤à¥€ है कि जो महिलाà¤à¤‚ इन वाकयों का शिकार हो रही हैं, कहीं वो किसी मानसिक परेशानी या अवसाद के दौर से तो नहीं गà¥à¤œà¤¼à¤° रही. कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि अकà¥à¤¸à¤° à¤à¤¸à¥€ महिलाà¤à¤‚ मॉस हिसà¥à¤Ÿà¤¿à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ का शिकार बनती हैं, जो अपने साथ दूसरों को à¤à¥€ उलà¤à¤¨ में डालती हैं. इन सबके बीच फिकà¥à¤° की बात ये है कि à¤à¤¸à¥‡ वाकये लगातार बढ़ रहे हैं. जब तक ये मामले नहीं सà¥à¤²à¤à¤¤à¥‡. ये सिलसिला कहां तक जाà¤à¤—ा, कोई नहीं जानता है. लेकिन इसकी सचà¥à¤šà¤¾à¤ˆ सामने आना जरूरी है.