वासà¥à¤¤à¥ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° करें देवी की पूजा, मिलेगा मनचाहा फल
नवरातà¥à¤° में मां दà¥à¤°à¥à¤—ा की कृपा पाने के लिठहम उपवास, पूजा, अनà¥à¤·à¥à¤ ान आदि करते हैं, जिससे जीवन में à¤à¤¯, विघà¥à¤¨ और शतà¥à¤°à¥à¤“ं का नाश होता है और सà¥à¤–-समृदà¥à¤§à¤¿ आती है। इन नौ दिनों में मां दà¥à¤°à¥à¤—ा के नौ रूपों की पूजा बड़े ही चाव और à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ à¤à¤¾à¤µ से की जाती है। कà¥à¤² मिलाकर हर जगह उमंग और à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ के माहौल से वातावरण सतरंगी और ऊरà¥à¤œà¤¾à¤µà¤¾à¤¨ हो उठता है।
माता समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ जगत को शकà¥à¤¤à¤¿, सà¥à¤«à¥‚रà¥à¤¤à¤¿ और विनमà¥à¤°à¤¤à¤¾ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करती हैं, सà¤à¥€ को अपना ममतामयी आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ देती हैं। तो फिर देवी मां की पूजा के इन वेहद खास नौ दिनों में यदि शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾ à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ के साथ-साथ कà¥à¤› वासà¥à¤¤à¥ नियमों को धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ में रखकर पूजा-आराधना की जाठतो इससे पूजा में धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ लगता है और पूजा के फल में अतिशय वृदà¥à¤§à¤¿ होती है।
सही दिशा में हो पूजन-
सरà¥à¤µà¤ªà¥à¤°à¤¥à¤® तो पूजन ककà¥à¤· साफ़-सà¥à¤¥à¤°à¤¾ हो, दीवारें हलà¥à¤•à¥‡ पीले, गà¥à¤²à¤¾à¤¬à¥€ ,हरे, बैंगनी जैसे आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• रंग की हो तो अचà¥à¤›à¤¾ है, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि ये रंग सकारातà¥à¤®à¤• ऊरà¥à¤œà¤¾ के सà¥à¤¤à¤° को बà¥à¤¾à¤¤à¥‡ है। काले,नीले और à¤à¥‚रे जैसे तामसिक रंगों का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— पूजा ककà¥à¤· की दीवारों पर नहीं करें तो बेहतर होगा।
वासà¥à¤¤à¥à¤µà¤¿à¤œà¥à¤žà¤¾à¤¨ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° मानसिक सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿà¤¤à¤¾ और पà¥à¤°à¤œà¥à¤žà¤¾ का दिशा कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° ईशान कोण अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ उतà¥à¤¤à¤°-पूरà¥à¤µ दिशा को पूजा-पाठके लिठशà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ माना गया है यहां पूजा करने से शà¥à¤ फल मिलता है और आपको हमेशा ईशà¥à¤µà¤° का मारà¥à¤—दरà¥à¤¶à¤¨ मिलता रहता है।
धरà¥à¤®à¤¶à¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° कलश को सà¥à¤–-समृदà¥à¤§à¤¿, वैà¤à¤µ और मंगल कामनाओं का पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• माना गया है।कलश में सà¤à¥€ गà¥à¤°à¤¹, नकà¥à¤·à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ à¤à¤µà¤‚ तीरà¥à¤¥à¥‹à¤‚ का वास होता है। इनके अलावा बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾, विषà¥à¤£à¥, रूदà¥à¤° सà¤à¥€ नदियों, सागरों, सरोवरों à¤à¤µà¤‚ तैतीस कोटि देवी-देवता कलश में विराजमान होते हैं। वासà¥à¤¤à¥ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° ईशान कोण(उतà¥à¤¤à¤°-पूरà¥à¤µ)जल à¤à¤µà¤‚ ईशà¥à¤µà¤° का सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ माना गया है और यहां सरà¥à¤µà¤¾à¤§à¤¿à¤• सकारातà¥à¤®à¤• ऊरà¥à¤œà¤¾ रहती है। इसलिठपूजा करते समय देवी की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾ या कलश की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ इसी दिशा में करनी चाहिà¤à¥¤
यदà¥à¤¯à¤ªà¤¿ देवी का कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° दकà¥à¤·à¤¿à¤£ और दकà¥à¤·à¤¿à¤£ पूरà¥à¤µ दिशा माना गया है इसलिठयह धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ रहे कि पूजा करते वकà¥à¤¤ आराधक का मà¥à¤– दकà¥à¤·à¤¿à¤£ या पूरà¥à¤µ में ही रहे। शकà¥à¤¤à¤¿ और समृदà¥à¤§à¤¿ का पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• मानी जाने वाली पूरà¥à¤µ दिशा की ओर मà¥à¤– करके पूजा करने से हमारी पà¥à¤°à¤œà¥à¤žà¤¾ जागृत होती है à¤à¤µà¤‚ दकà¥à¤·à¤¿à¤£ दिशा की ओर मà¥à¤– करके पूजा करने से आराधक को मानसिक शांति अनà¥à¤à¤µ होती है। पूजा-अनà¥à¤·à¥à¤ ान के दौरान मà¥à¤–à¥à¤¯ दà¥à¤µà¤¾à¤° पर आम या अशोक के पतà¥à¤¤à¥‹à¤‚ की बंदनवार लगाने से घर में नकारातà¥à¤®à¤• शकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ नहीं करती।
अखंड दीप व पूजन सामगà¥à¤°à¥€-
अखंड दीप को पूजा सà¥à¤¥à¤² के आगà¥à¤¨à¥‡à¤¯ अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ दकà¥à¤·à¤¿à¤£-पूरà¥à¤µ में रखना शà¥à¤ होता है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि यह दिशा अगà¥à¤¨à¤¿à¤¤à¤¤à¥à¤µ का पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿à¤¤à¥à¤µ करती है। आगà¥à¤¨à¥‡à¤¯ कोण में अखंड जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿ या दीपक रखने से शतà¥à¤°à¥à¤“ं पर विजय पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होती है तथा घर में सà¥à¤–-समृदà¥à¤§à¤¿ का निवास होता है। संधà¥à¤¯à¤¾à¤•à¤¾à¤² में पूजन सà¥à¤¥à¤² पर घी का दीपक जलाने से घर में सकारातà¥à¤®à¤• ऊरà¥à¤œà¤¾ का पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¹ होता है, घर के सदसà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§à¤¿ मिलती है व रोग à¤à¤µà¤‚ कà¥à¤²à¥‡à¤¶ दूर होते है।
देवी के पूजन में पà¥à¤°à¤¯à¥à¤•à¥à¤¤ होने वाली सामगà¥à¤°à¥€ पूजन सà¥à¤¥à¤² के आगà¥à¤¨à¥‡à¤¯ कोण में ही रखी जानी चाहिà¤à¥¤ देवी मां को लाल रंग अतà¥à¤¯à¤¾à¤§à¤¿à¤• पà¥à¤°à¤¿à¤¯ है। लाल रंग को वासà¥à¤¤à¥ में à¤à¥€ शकà¥à¤¤à¤¿ और शौरà¥à¤¯ का पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• माना गया है अत: माता को अरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ किठजाने वाले वसà¥à¤¤à¥à¤°, शà¥à¤°à¥ƒà¤‚गार की वसà¥à¤¤à¥à¤à¤‚ à¤à¤µà¤‚ पà¥à¤·à¥à¤ª यथासंà¤à¤µ लाल रंग के ही होने चाहिà¤à¥¤ पूजा ककà¥à¤· के दरवाज़े पर हलà¥à¤¦à¥€, सिनà¥à¤¦à¥‚र या रोली से दोनों तरफ सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¤à¤¿à¤• बना देने से देवी की कृपा पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होती है, वासà¥à¤¤à¥ दोषों से उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨à¤¾ बà¥à¤°à¥‡ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ दूर होते हैं।
वासà¥à¤¤à¥à¤¶à¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥à¤° के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° शंख धà¥à¤µà¤¨à¤¿ व घंटानाद करने से देवी-देवता पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨à¤¾ होते हैं और आस-पास का वातावरण शà¥à¤¦à¥à¤§ और पवितà¥à¤° होकर मन-मसà¥à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤• में सकारातà¥à¤®à¤• ऊरà¥à¤œà¤¾ का संचार होता है। अनेक वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• शोधों से सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ हà¥à¤† है कि जिस सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर शंख धà¥à¤µà¤¨à¤¿ होती है वहां सà¤à¥€ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के कीटाणॠनषà¥à¤Ÿ हो जाते है।
कनà¥à¤¯à¤¾ पूजन से वासà¥à¤¤à¥à¤¦à¥‹à¤·à¥‹à¤‚ का निवारण-
माना जाता है कि नवरातà¥à¤° के दिनों में कनà¥à¤¯à¤¾à¤“ं को देवी का रूप मानकर आदर-सतà¥à¤•à¤¾à¤° करने à¤à¤µà¤‚ à¤à¥‹à¤œà¤¨ कराने से घर का वासà¥à¤¤à¥à¤¦à¥‹à¤· दूर होता है। शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° हवन,जप और दान से देवी इतनी पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨à¤¾ नहीं होतीं जितनी कनà¥à¤¯à¤¾ पूजन से पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨à¤¾ होती हैं। कनà¥à¤¯à¤¾,सृषà¥à¤Ÿà¤¿ सृजन शà¥à¤°à¥ƒà¤‚खला का अंकà¥à¤° होती है। यह पृथà¥à¤µà¥€ पर पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ सà¥à¤µà¤°à¥‚प मां की शकà¥à¤¤à¤¿ का पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿à¤¤à¥à¤µ करती है।
मनà¥à¤·à¥à¤¯ पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ रूपी कनà¥à¤¯à¤¾à¤“ं का पूजन करके साकà¥à¤·à¤¾à¤¤ à¤à¤—वती की कृपा पा सकते हैं। इन कनà¥à¤¯à¤¾à¤“ं में मां दà¥à¤°à¥à¤—ा का वास रहता है। कनà¥à¤¯à¤¾ पूजन नवरातà¥à¤° परà¥à¤µ के किसी à¤à¥€ दिन या कà¤à¥€ à¤à¥€ कर सकते हैं लेकिन अषà¥à¤Ÿà¤®à¥€ और नवमी तिथि को कनà¥à¤¯à¤¾ पूजन के लिठशà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ माना गया है।