यहां पूरà¥à¤£à¤¿à¤®à¤¾ पर हà¥à¤ वैवाहिक संबंध माने जाते हैं 'अटूट'
होशंगाबाद। नरà¥à¤®à¤¦à¤¾ और तवा नदी का संगम सà¥à¤¥à¤² बांदà¥à¤°à¤¾à¤à¤¾à¤¨à¥¤ यहां लगने वाले तीन दिवसीय मेले को लेकर कà¥à¤‚वारे यà¥à¤µà¤•-यà¥à¤µà¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को सालà¤à¤° इंतजार रहता है, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि à¤à¤¸à¥€ मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ है कि पूरà¥à¤£à¤¿à¤®à¤¾ पर यहां तय हà¥à¤ वैवाहिक संबंध अटूट माने जाते हैं। वैवाहिक जीवन सà¥à¤–मय होता, संबंधों में खटास नहीं आती और पति-पतà¥à¤¨à¥€ में आपस में पà¥à¤¯à¤¾à¤° होता है। इसके चलते होशंगाबाद, बैतूल, छिंदवाड़ा, हरदा, खंडवा सहित पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶à¤à¤° से डेॠसे दो लाख लोग हर साल पूरà¥à¤£à¤¿à¤®à¤¾ पर जà¥à¤Ÿà¤¤à¥‡ हैं। इस दिन परिवारजन अपने बेटे-बेटियों के नेग करके रिशà¥à¤¤à¥‡ को अटूट बनाते हैं।
मेले में कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° के कीर, निमोदा, के वट, मांà¤à¥€, रायकवार, मेहरा, चौहान, कà¥à¤°à¥à¤®à¥€, पासी, चंदà¥à¤°à¥‹à¤², कि रार, कलार आदि समाज के लोग कà¥à¤‚वारे बेटे-बेटियों के साथ पहà¥à¤‚चते हैं। इसके साथ ही मेल-मिलाप और रिशà¥à¤¤à¥‡ तलाशने का दौर शà¥à¤°à¥‚ हो जाता है। परिजन आपसी सहमति से अपने बेटे-बेटी के लिठमà¥à¤«à¥€à¤¦ जीवनसाथी ढूंढकर रिशà¥à¤¤à¤¾ पकà¥à¤•à¤¾ कर देते हैं। बà¥à¤œà¥à¤°à¥à¤—ों के मà¥à¤¤à¤¾à¤¬à¤¿à¤• ये परंपरा कई वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ से चली आ रही है।
इस बार मेला कारà¥à¤¤à¤¿à¤• माह की तà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤¦à¤¶à¥€ 10 नवंबर से होगी। रविवार को यहां पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶à¤à¤° से यà¥à¤µà¤•-यà¥à¤µà¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का परिवार के साथ आना शà¥à¤°à¥‚ हो जाà¤à¤—ा। 12 नवंबर को पूरà¥à¤£à¤¿à¤®à¤¾ पर नेग के साथ रिशà¥à¤¤à¤¾ पकà¥à¤•à¤¾ कर दिया जाà¤à¤—ा। 13 नवंबर को सà¥à¤¬à¤¹ मेले का समापन होगा।
गà¥à¤°à¤¾à¤® पंचायत रायपà¥à¤° के पूरà¥à¤µ सरपंच शंकर सिंह चौहान ने बताया कि यदि कॠछ दिन पूरà¥à¤µ à¤à¥€ समाज में संबंध की बात होती है तो à¤à¥€ यह तय कि या जाता है कि अà¤à¥€ बातचीत कर रहे हैं, लेकि न पकà¥à¤•à¥€ बात बांदà¥à¤°à¤¾à¤à¤¾à¤¨ संगम सà¥à¤¥à¤² पर पूरà¥à¤£à¤¿à¤®à¤¾ के दिन तय करेंगे।à¤à¤¸à¥€ मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ है कि यहां तय किठगठरिशà¥à¤¤à¥‡ अटूट माने जाते हैं। साथ ही उनमें खटास नहीं पड़ती है। तीन दिन तक यहां हजारों की संखà¥à¤¯à¤¾ में तंबू तने रहते हैं। रेत में ही तने तंबू में बैठकर समाज के लोग आपस में चरà¥à¤šà¤¾ का दौर चलता है। मेले में हर साल हजारों रिशà¥à¤¤à¥‡ तय होते हैं।