राम मंदिर à¤à¥‚मि पूजन में आà¤à¤‚गे देश के अलग-अलग तीरà¥à¤¥à¥‹à¤‚ के पà¥à¤°à¥‹à¤¹à¤¿à¤¤, पीà¤à¤® मोदी तांबे का à¤à¤• कलश सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करेंगे
नई दिलà¥à¤²à¥€: अयोधà¥à¤¯à¤¾ में à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€ राम के à¤à¤µà¥à¤¯ मंदिर का à¤à¥‚मि पूजन तकरीबन 3 घंटे लंबे कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® के साथ संपनà¥à¤¨ होगा. अयोधà¥à¤¯à¤¾ में à¤à¤—वान राम के à¤à¤µà¥à¤¯ मंदिर की à¤à¥‚मि पूजन के लिठ5 अगसà¥à¤¤ को इसलिठचà¥à¤¨à¤¾ गया है, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि इस दिन सरà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤¥ सिदà¥à¤§à¤¿ योग को सरà¥à¤µà¤¶à¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ मà¥à¤¹à¥‚रà¥à¤¤ माना जाता है. अगर इस दिन कोई à¤à¥€ कारà¥à¤¯ किया जाठतो वह सरà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤¥ की सिदà¥à¤§à¤¿ को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होता है. à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€ राम के नाम 'राम' नाम का जो मà¥à¤¹à¥‚रà¥à¤¤ है, वह à¤à¥€ 5 अगसà¥à¤¤ को फलदायक बताया जा रहा है. यही वजह है कि इस शà¥à¤ मà¥à¤¹à¥‚रà¥à¤¤ में à¤à¥‚मि पूजन किया जाà¤à¤—ा. अब हम आपको राम मंदिर के à¤à¤µà¤¨ निरà¥à¤®à¤¾à¤£ के लिठहोने वाली à¤à¥‚मि पूजन की पूरी विधि बताते हैं.
शà¥à¤°à¥€ राम जनà¥à¤®à¤à¥‚मि तीरà¥à¤¥ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° टà¥à¤°à¤¸à¥à¤Ÿ के सूतà¥à¤°à¥‹à¤‚ के मà¥à¤¤à¤¾à¤¬à¤¿à¤• à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€ राम के à¤à¤µà¥à¤¯ मंदिर के निरà¥à¤®à¤¾à¤£ के लिठà¤à¥‚मि पूजन ठीक गरà¥à¤ गà¥à¤°à¤¹ वाले सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर होगा. गरà¥à¤ गृह उसी टीले पर, ठीक उसी सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर बनाया जाà¤à¤—ा, जहां अब से कà¥à¤› महीने पहले तक शà¥à¤°à¥€ रामलला विराजमान सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ थे. फिलहाल रामलला विराजमान को à¤à¤• असà¥à¤¥à¤¾à¤ˆ मंदिर में सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ किया गया है.
à¤à¥‚मि पूजन के लिठगरà¥à¤ गà¥à¤°à¤¹ वाले सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर नींव खोदी जाà¤à¤—ी. इस नींव में ही पांच ईटें सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करके à¤à¥‚मि पूजन किया जाà¤à¤—ा. ये पांच ईंटे नंदा, à¤à¤¦à¥à¤°à¤¾, जया, रिकà¥à¤¤à¤¾ और पूरà¥à¤£à¤¾ नाम की होगी, जिनकी पूजा की जाà¤à¤—ी.
à¤à¤—वान राम के à¤à¤µà¥à¤¯ राम मंदिर की à¤à¥‚मि पूजन को बनारस से आठहà¥à¤ तीरà¥à¤¥ पà¥à¤°à¥‹à¤¹à¤¿à¤¤ के अलावा देश के विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ तीरà¥à¤¥à¥‹à¤‚ से आठतीरà¥à¤¥ पà¥à¤°à¥‹à¤¹à¤¿à¤¤ संपनà¥à¤¨ कराà¤à¤‚गे. संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ के मंतà¥à¤°à¥‹à¤šà¥à¤šà¤¾à¤°à¤£ के बीच मंदिर के गरà¥à¤à¤—ृह वाले सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर, नींव के à¤à¥€à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ नरेंदà¥à¤° मोदी तांबे का à¤à¤• कलश सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करेंगे. मंदिर की à¤à¥‚मि पूजन में पà¥à¤°à¤¯à¥à¤•à¥à¤¤ होने वाले इस तामà¥à¤° कलश में वैदिक रीति के मà¥à¤¤à¤¾à¤¬à¤¿à¤• गंगाजल के साथ-साथ सà¤à¥€ तीरà¥à¤¥à¥‹à¤‚ के जल को à¤à¤°à¤¾ जाà¤à¤—ा. इस कलश में औषधी पंचरतà¥à¤¨, जिसमें हीरा, पनà¥à¤¨à¤¾, मलिक, सोना और चांदी शामिल होंगे, रखे जाà¤à¤‚गे.
पंच रतà¥à¤¨à¥‹à¤‚ के अलावा à¤à¥‚मि पूजन के दौरान ईटों के साथ-साथ पाताल लोक के राजा शेषनाग को पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨ करने के लिठचांदी के नाग नागिन का जोड़ा और à¤à¤—वान विषà¥à¤£à¥ के अवतार के पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• चांदी के कछà¥à¤ को à¤à¥€ नींव में सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ किया जाà¤à¤—ा. वैदिक विधि-विधान और संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ मंतà¥à¤° उचà¥à¤šà¤¾à¤°à¤£ के साथ à¤à¥‚मि पूजन कर मंदिर के निरà¥à¤®à¤¾à¤£ की पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ को औपचारिक रूप से आरंठकर दिया जाà¤à¤—ा.
माना जा रहा है कि à¤à¥‚मि पूजन की तारीख के 2 साल के à¤à¥€à¤¤à¤° à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€ राम का à¤à¤µà¥à¤¯ मंदिर बन कर पूरà¥à¤£ रूप से तैयार हो जाà¤à¤—ा. यानी मोदी सरकार के इसी कारà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤² में न केवल à¤à¤µà¥à¤¯ मंदिर पूरà¥à¤£ रूप से तैयार हो जाà¤à¤—ा, बलà¥à¤•à¤¿ रामलला विराजमान की पà¥à¤¨à¤°à¥à¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ और पà¥à¤°à¤¾à¤£ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ा के बाद à¤à¤¸à¥‡ à¤à¤µà¥à¤¯ राम मंदिर को हिंदà¥à¤“ं और à¤à¤—वान राम के à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ के दरà¥à¤¶à¤¨à¤¾à¤°à¥à¤¥ खोल दिया जाà¤à¤—ा.