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नहीं रहा खमेर रूज के जमाने का जेलर, 16 हजार लोगों की कराई थी हत्या

तानाशाह खमेर रूज के शासनकाल में 16 हजार कंबोडियाई नागरिकों को यातना देकर मार देने वाले पूर्व जेलर कियांग गुयेक इआव की 77 साल के उम्र में मौत हो गई. आजीवन कारावास की सजा काट रहे कियांग को सांस लेने में तकलीफ होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था. 1970 के दशक में कियांग कंबोडिया के तानाशाह खमेर रूज के प्रमुख जेलर थे. तानाशाह के खिलाफ आवाज उठाने वाले हर कैदी को वो जेल में यातना देकर मार देते थे.16 हजार लोगों की हत्या और तानाशाह खमेर रूज का साथ देने की वजह से कियांग को युद्ध अपराधी घोषित किया गया था. 1970 के दशक में वो तानाशाह खमेर रूज शासन में शीर्ष अधिकारी और प्रमुख जेलर हुआ करते थे. कियांग को डच के नाम से भी लोग जानते हैं.1970 के दशक में जब लोगों ने खमेर रूज के खिलाफ विद्रोह किया तो तानाशाह के कहने पर कियांग ने क्रूरता की सभी हदें पार कर दी थी. युद्ध में करीब 17 लाख लोगों की मौत हुई थी. विद्रोहियों के दमन के लिए ज्यादातर लोगों को यातना देकर मार दिया गया था. मौत का यह आंकड़ा कंबोडिया के कुल जनसंख्या का लगभग 25 फीसदी था.यातना देकर 16 हजार लोगों की जान लेने वाले पूर्व जेलर कियांग को संयुक्त राष्ट्र समर्थित न्यायाधिकरण ने साल 2009 में हुई सुनवाई के बाद कारावास की सजा सुनाई थी. जेल में ही सांस लेने में तकलीफ होने के बाद उन्हें  à¤•à¤‚बोडियन सोवियत फ्रेंडशिप अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उनकी मौत हो गई.साल 2009 में कारावास की सजा मिलने के बाद साल 2013 में कियांग को कंदाल प्रांतीय जेल में स्थानांतरित किया गया था जहां उनकी तबीयत बिगड़ी थी.2010 में कियांग (डच) संयुक्त राष्ट्र समर्थित ट्रिब्यूनल द्वारा खमेर रूच के शासनकाल के दोषी ठहराए जाने वाले पहले वरिष्ठ अफसर थे. राजधानी नोम पेन्ह में ट्रिब्यूनल के एक प्रवक्ता ने बिना कारण बताए उनकी मौत की सूचना दी और कहा कि वो कई सालों से बीमार थे.

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