मधà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ के तौर पर शिवराज सिंह चौहान à¤à¤²à¥‡ ही पहली पसंद हों, लेकिन कमलनाथ à¤à¥€ उनसे जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ पीछे नहीं हैं. इंडिया टà¥à¤¡à¥‡-à¤à¤•à¥à¤¸à¤¿à¤¸ माय इंडिया के मà¥à¤¤à¤¾à¤¬à¤¿à¤• à¤à¤®à¤ªà¥€ के मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ पद के लिठ46 फीसदी लोग की पसंद शिवराज सिंह चौहान हैं जबकि 43 फीसदी लोगों की पसंद कमलनाथ हैं.
बता दें कि à¤à¤®à¤ªà¥€ की 29 विधानसà¤à¤¾ सीटें रिकà¥à¤¤ हैं, जिनमें से 28 सीटों पर उपचà¥à¤¨à¤¾à¤µ हो रहे हैं. उपचà¥à¤¨à¤¾à¤µ कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸ के 25 विधायकों के इसà¥à¤¤à¥€à¤«à¤¾ देने और 3 विधायकों के निधन से रिकà¥à¤¤ हà¥à¤ˆ सीटों पर हो रहे हैं. à¤à¤¸à¥‡ में बीजेपी ने कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸ के आठसà¤à¥€ 25 विधायकों के टिकट देकर चà¥à¤¨à¤¾à¤µà¥€ मैदान में उतारा है, जिनमें से शिवराज सरकार के 14 मंतà¥à¤°à¥€ à¤à¥€ हैं.
à¤à¤®à¤ªà¥€ की कà¥à¤² 230 विधानसà¤à¤¾ सीटें हैं, जिनमें से 29 सीटें रिकà¥à¤¤ हैं. इनमें से 28 सीटों पर चà¥à¤¨à¤¾à¤µ हो रहा हैं, जिसके लिहाज से कà¥à¤² 229 सीटों के आधार पर बहà¥à¤®à¤¤ का आंकड़ा 115 चाहिà¤. à¤à¤¸à¥‡ में बीजेपी को बहà¥à¤®à¤¤ का नंबर जà¥à¤Ÿà¤¾à¤¨à¥‡ के लिठमहज आठसीटें जीतने की जरूरत है जबकि कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸ को सà¤à¥€ 28 सीटें जीतनी होंगी. मौजूदा समय में बीजेपी के 107 विधायक हैं, जबकि कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸ के 87, चार निरà¥à¤¦à¤²à¥€à¤¯, दो बसपा और à¤à¤• सपा का विधायक है.
28 सीटों पर उपचà¥à¤¨à¤¾à¤µ
मधà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ की जिन 28 सीटों पर उपचà¥à¤¨à¤¾à¤µ हो रहे हैं, जिनमें से गà¥à¤µà¤¾à¤²à¤¿à¤¯à¤°-चंबल इलाके की 16 सीटें हैं. इनमें मà¥à¤°à¥ˆà¤¨à¤¾, मेहगांव, गà¥à¤µà¤¾à¤²à¤¿à¤¯à¤° पूरà¥à¤µ, गà¥à¤µà¤¾à¤²à¤¿à¤¯à¤°, डबरा, बमोरी, अशोक नगर, अमà¥à¤¬à¤¾à¤¹, पोहारी,à¤à¤¾à¤‚डेर, सà¥à¤®à¤¾à¤µà¤²à¥€, करेरा, मà¥à¤‚गावली, गोहद, दिमनी और जौरा सीट शामिल है. वहीं, मालवा-निमाड़ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° की सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¤°à¤¾, मानà¥à¤§à¤¾à¤¤à¤¾, सांवेरस आगर, बदनावर, हाटपिपलà¥à¤¯à¤¾ और नेपानगर सीट है. इसके अलावा सांची, मलहरा, अनूपपà¥à¤°, बà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤¾ और सà¥à¤°à¤–ी सीट है. इसमें से जौरा, आगर और बà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤¾ सीट के 3 विधायकों के निधन के चलते उपचà¥à¤¨à¤¾à¤µ हो रहे हैं.
शिवराज के मंतà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की साख दांव पर
à¤à¤®à¤ªà¥€ उपचà¥à¤¨à¤¾à¤µ में 14 मंतà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की साख दांव पर लगी है. इसमें से 11 पर तो कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸ छोड़कर बीजेपी में आठसांसद जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤°à¤¾à¤¦à¤¿à¤¤à¥à¤¯ सिंधिया की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ा à¤à¥€ दांव पर है, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि यह उनà¥à¤¹à¥€à¤‚ के समरà¥à¤¥à¤• माने जाते हैं और सिंधिया के कहने पर ही सà¤à¥€ ने दल बदल किया था. इनमें तà¥à¤²à¤¸à¥€ सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत, पà¥à¤°à¤à¥ राम चौधरी, इमरती देवी, पà¥à¤°à¤¦à¥à¤¯à¥à¤®à¥à¤¨ सिंह तोमर, महेंदà¥à¤° सिंह सिसोदिया, गिरà¥à¤°à¤¾à¤œ दंडोतिया, ओपीà¤à¤¸ à¤à¤¦à¥Œà¤°à¤¿à¤¯à¤¾, सà¥à¤°à¥‡à¤¶ धाकड़, बृजेंदà¥à¤° सिंह यादव, राजà¥à¤¯à¤µà¤°à¥à¤§à¤¨ सिंह दतà¥à¤¤à¥€à¤—ांव, à¤à¤¦à¤² सिंह कंसाना, बिसाहूलाल सिंह और हरदीप सिंह डंग पर सबकी नजर है.
सिंधिया के सामने खà¥à¤¦ को साबित करने की चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¥€
जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤°à¤¾à¤¦à¤¿à¤¤à¥à¤¯ सिंधिया के लिठयह गणित थोड़ा अलग है. गà¥à¤¨à¤¾ से चार बार लोकसà¤à¤¾ सांसद रहे सिंधिया चाहेंगे कि उनके गà¥à¤Ÿ के सà¤à¥€ 22 विधायक, जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने उनके लिठइसà¥à¤¤à¥€à¤«à¤¾ दिया था, फिर से जीतकर विधानसà¤à¤¾ पहà¥à¤‚चे. सिंधिया के लिठयह उप चà¥à¤¨à¤¾à¤µ उनके इलाके में उनके राजनीतिक कद को फिर से परिà¤à¤¾à¤·à¤¿à¤¤ और पà¥à¤¨à¤°à¥à¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करेगा, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि 22 में से 16 सीटें गà¥à¤µà¤¾à¤²à¤¿à¤° और चंबल इलाके की हैं, जहां सिंधिया परिवार का दबदबा रहा है. सिंधिया को अपनी नई पारà¥à¤Ÿà¥€ बीजेपी (और लोगों) के सामने खà¥à¤¦ को साबित करने की जरूरत में उनकी चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¥€ सिरà¥à¤« कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸ नहीं है, बसपा à¤à¥€ इस उपचà¥à¤¨à¤¾à¤µ में हर सीट पर चà¥à¤¨à¤¾à¤µ लड़ रही है.