कोरोना काल में à¤à¤¡à¥à¤¸ के दà¥à¤·à¥à¤ªà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ, आयà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦ से इलाज पर परिचरà¥à¤šà¤¾
à¤à¥‹à¤ªà¤¾à¤²à¥¤ विशà¥à¤µ à¤à¤¡à¥à¤¸ दिवस हर साल 1 दिसंबर को दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤à¤° में मनाया जाता है। इस दिवस पर लोगों को à¤à¤¡à¥à¤¸ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ जागरूक करने के लिठकई तरह के पà¥à¤°à¥‹à¤—à¥à¤°à¤¾à¤®à¥‹à¤‚ का आयोजन किया जाता है। इसी को देखते हà¥à¤ सेम गà¥à¤²à¥‹à¤¬à¤² विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ à¤à¥‹à¤ªà¤¾à¤² में कोरोना काल में à¤à¤¡à¥à¤¸ के दà¥à¤·à¥à¤ªà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ और आयà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦ पदà¥à¤§à¤¤à¤¿ से बचाव पर परिचरà¥à¤šà¤¾ का आयोजन किया गया। कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® के मà¥à¤–à¥à¤¯ अतिथि सेम गà¥à¤°à¥à¤ª के चेयरमैन डॉ. हरपà¥à¤°à¥€à¤¤ सिंह सलूजा, इंजीनियर पà¥à¤°à¥€à¤¤à¤¿ सलूजा सेम विवि कà¥à¤²à¤¾à¤§à¤¿à¤ªà¤¤à¤¿, कोपल सलूजा डायरेकà¥à¤Ÿà¤° सेम गà¥à¤²à¥‹à¤¬à¤² विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ वहीं विशà¥à¥‹à¤· अतिथ वाइस चेयरमैन सेम गà¥à¤°à¥à¤ª इंजीनियर अà¤à¤¿à¤°à¤¾à¤œ चावला तथा विशेष सलाहकार à¤à¤¨à¤•à¥‡ तिवारी मौजूद थे। इनके साथ ही डॉ. रीता सिंह, डॉ. शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾ शरà¥à¤®à¤¾ पà¥à¤°à¤®à¥à¤– वकà¥à¤¤à¤¾ के रूप में मौजूद थीं। पूरी दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में à¤à¤¡à¥à¤¸ सबसे जानलेवा और खतरनाक बीमारियों में से à¤à¤• है, पूरे विशà¥à¤µ में लगà¤à¤— चार करोड़ लोग à¤à¤¡à¥à¤¸ से गà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤ हैं। सिरà¥à¤« à¤à¤¾à¤°à¤¤ में ही लगà¤à¤— 25 लाख से अधिक लोग à¤à¤¡à¥à¤¸ के मरीज हैं। à¤à¤¸à¥‡ में इसके पà¥à¤°à¤¤à¤¿ जागरूकता बà¥à¤¾à¤¨à¥‡ और मरीज के सही इलाज देने की जरूरत है।
परिचरà¥à¤šà¤¾ के दौरान à¤à¤¸à¥‹à¤¸à¤¿à¤à¤Ÿ पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¸à¤° डॉ. रिता सिंह ने बताया कि à¤à¤¡à¥à¤¸ बीमारी की कोई à¤à¥€ दवा नहीं है। आयà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦ से à¤à¥€ à¤à¤¡à¥à¤¸ का इलाज संà¤à¤µ है। आयà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦ में à¤à¤¡à¥à¤¸ के कई अतà¥à¤¯à¤§à¤¿à¤• पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¥€ उपचार बताठगठहैं। आयà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦ की à¤à¤• शाखा विशेष रूप से विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨à¥ जड़ी-बूटियों और आयà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦à¤¿à¤• तकनीकों और विधियों के उपयोग के माधà¥à¤¯à¤®à¤¸à¥‡ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ और जीवन शकà¥à¤¤à¤¿ में वृदà¥à¤§à¤¿ के साथ जà¥à¥œà¥€ है। इसमें डीटॉकà¥à¤¸à¥€à¤«à¤¿à¤•à¥‡à¤¶à¤¨ करने के बाद रोगी की रोग पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤°à¥‹à¤§à¤• शकà¥à¤¤à¤¿ में रासायनिक पदà¥à¤§à¤¤à¤¿ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ वृदà¥à¤§à¤¿ की जाती है। इससे उपचार में बहà¥à¤¤ सहायता मिलती है। à¤à¤²à¥‹à¤ªà¥ˆà¤¥à¤¿à¤• दवाओं की इन सीमाओं के कारण, आयà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦à¤¿à¤• उपचार à¤à¤šà¤†à¤ˆà¤µà¥€/à¤à¤¡à¥à¤¸ से रोगियों के लिठदीरà¥à¤˜à¤•à¤¾à¤²à¤¿à¤• पà¥à¤°à¤¬à¤‚धन के लिठउपयोगी विकलà¥à¤ª बन गया है। अधिकांश आयà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦à¤¿à¤• उपचार के गंà¤à¥€à¤° साइड इफेकà¥à¤Ÿ नहीं होते और ये काफी किफायती à¤à¥€ हैं। आगे कहा कि इसका बचाव ही à¤à¤• मातà¥à¤° सवाधानी है। आयà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦ में ओजकà¥à¤·à¤¯ अंतिम सà¥à¤Ÿà¥‡à¤œ है। इसका इलाज ओजवरà¥à¤§à¤• दवाओं से संà¤à¤µ है। इसके में कालामेघ, शतावरी à¤à¤µà¤‚ सà¥à¤µà¤°à¥à¤£ à¤à¤¸à¥à¤® आदि के बहà¥à¤¤ अचà¥à¤›à¥‡ नजीते हैं। सूरà¥à¤¯ नमसà¥à¤•à¤¾à¤° और योगी à¤à¥€ अतà¥à¤¯à¤‚त लाà¤à¤•à¤¾à¤°à¥€ है। वहीं असिसà¥à¤Ÿà¥‡à¤‚ट पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¸à¤° शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾ शरà¥à¤®à¤¾ ने बताया कि à¤à¤¡à¥à¤¸ मरीज की इमà¥à¤¯à¥‚न सिसà¥à¤Ÿà¤® कमजोर होती है। तो इसको बà¥à¤¾à¤¨à¥‡ के लिठइमà¥à¤¯à¥‚नबूसà¥à¤Ÿà¤° से ठीक किया जाता है। इसके कà¥à¤› रसायन डà¥à¤°à¤— जैसे गहà¥à¤šà¥€, शतावरी, शंखपà¥à¤·à¥à¤ªà¥€ जैसी दवाओं से उपचार संà¤à¤µ है।
कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® का अंत ओपन डिसà¥à¤•à¤¶à¤¨ से किया गया। जिसमें डॉ. राहà¥à¤², डॉ. दीपà¥à¤¤à¤¿ à¤à¤µà¤‚ डॉ. रघà¥à¤µà¤‚शी ने à¤à¥€ रोग पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤°à¥‹à¤§à¤•à¤¤à¤¾ के बारे में जानकारी दी। इसके साथ ही डीन डॉ. अखिलेषà¥à¤¾ सिंह आयà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦à¤¾, डीन à¤à¤—à¥à¤°à¥€à¤•à¤²à¥à¤šà¤° डॉ. कà¥à¤‚दन सिंह तथा पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¤à¤¾ विà¤à¤¾à¤— अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· तसà¥à¤¨à¥€à¤® खान मौजूद थी। के छातà¥à¤°-छातà¥à¤°à¤¾à¤“ं के लिठई-पोसà¥à¤Ÿà¤° सहित अनà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤—िता का आयोजन किया गया। जिसमें सà¤à¥€ ने बà¥-चà¥à¤•à¤° हिसà¥à¤¸à¤¾ लिया और à¤à¤¡à¥à¤¸ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ जागरूकता से जà¥à¥œà¥‡ संदेश पोसà¥à¤Ÿ के माधà¥à¤¯à¤® से दिà¤à¥¤ कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® का समापन डॉ. शैलेष जैन विà¤à¤¾à¤— अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· फॉरà¥à¤®à¥‡à¤¸à¥€ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ किया गया।
à¤à¤¡à¥à¤¸ का खतरा किसे अधिक होता है :
1. à¤à¤• से अधिक लोगों से असà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ यौन संबंध रखने वाले वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को
2. वेशà¥à¤¯à¤¾à¤µà¥ƒà¤¤à¤¿ करने वालों से यौन समà¥à¤ªà¤°à¥à¤• रखने वाले वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को
3. नशीली दवाईयां इंजेकà¥à¤¶à¤¨ के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ लेने वाला वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¥¤
4. यौन रोगों से पीडित वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¥¤
5. संकà¥à¤°à¤®à¤¿à¤¤ पिता/माता से पैदा होने वाले बचà¥à¤šà¥‡à¤‚ को