जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ 2021 में हैं 13 बड़े तीज तà¥à¤¯à¥‹à¤¹à¤¾à¤°, जानें दिन व शà¥à¤ समय
जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ का माह अब कà¥à¤› ही दिनों में शà¥à¤°à¥‚ होने वाला है à¤à¤¸à¥‡ में अगर हिनà¥à¤¦à¥‚ पंचाग की बात करें तो 24 जून गà¥à¤°à¥‚वार से ही जà¥à¤¯à¥‡à¤·à¥à¤ मास का समापन हà¥à¤† है और 25 जून शà¥à¤•à¥à¤°à¤µà¤¾à¤° से आषाॠमास के कृषà¥à¤£ पकà¥à¤· की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤ªà¤¦à¤¾ तिथि का पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚ठहà¥à¤† है। हिनà¥à¤¦à¥‚ धरà¥à¤® में आषाॠमास बहà¥à¤¤ ही महतà¥à¤µ रखता है इस मास में कई à¤à¤¸à¥‡ तà¥à¤¯à¥Œà¤¹à¤¾à¤° शामिल हैं जो अपने आप में काफी महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ माने गठहैं खास बात तो यह है कि इस माह जो 2 à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¥€ पड़ रही हैं वह अनà¥à¤¯ à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¥€ से खास हैं। चलिठआज हम आपसे जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ माह में पड़ने वाले समसà¥à¤¤ तà¥à¤¯à¥Œà¤¹à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ के बारे में चरà¥à¤šà¤¾ करते हैं और जानते हैं कि इस माह में कौन-कौन से तà¥à¤¯à¥‹à¤¹à¤¾à¤° पड़ने वाले हैं।यह तो आप जानते ही हैं कि साल में कà¥à¤² 24 à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¥€ पड़ती है और हर माह 2 à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¥€ पड़ती है। à¤à¤¸à¥‡ में जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ माह की अगर बात करें तो 05 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ सोमवार को बहà¥à¤¤ ही खास à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¥€ का आगमन होने जा रहा है। इस दिन पड़ने वाली à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¥€ ‘‘योगिनी à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¥€’’ है। इस दिन आप à¤à¤—वान विषà¥à¤£à¥ का दिवà¥à¤¯ आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर सकते हैं। इस वà¥à¤°à¤¤ को लेकर मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ है कि दीरà¥à¤˜à¤¾à¤¯à¥ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करने के अलावा यह वà¥à¤°à¤¤ कई बीमारियों से आपकी रकà¥à¤·à¤¾ करता है à¤à¤µà¤‚ घर में सà¥à¤–-समृधà¥à¤¦à¤¿ का वास होता है। अगर आप à¤à¥€ इस वà¥à¤°à¤¤ को रखना चाहते हैं तो शà¥à¤ मà¥à¤¹à¥‚रà¥à¤¤ के बारे में जरूर जान लें.4 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ सोमवार के दिन सà¥à¤¬à¤¹ 07ः55 बजे योगिनी à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¥€ वà¥à¤°à¤¤ का पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ हो रहा है। à¤à¤µà¤‚ इसका समापन तिथि 05 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ 2021 रातà¥à¤°à¤¿ 22ः30 बजे हो रहा है।हिनà¥à¤¦à¥‚ पंचांग के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° यह मास काफी महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ हैं इसमें 7 पà¥à¤°à¤¦à¥‹à¤· वà¥à¤°à¤¤ होने के साथ-साथ 8 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ को ‘‘मासिक शिवरातà¥à¤°à¤¿’’ पड़ रही है। इसका मतलब दो दिन लगातार à¤à¤—वान शिव जी की विशेष पूजा अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ की जाà¤à¤—ी। बतादें कि हर माह की कृषà¥à¤£ पकà¥à¤· की चतà¥à¤°à¥à¤¦à¤¶à¥€ तिथि को मासिक शिवरातà¥à¤°à¤¿ का आगमन होता है। यह तिथि à¤à¤—वान शिव जी को समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ है इस दिन अगर आप शिव जी की पूजा अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ करते हैं तो à¤à¤—वान शिव का आशिरà¥à¤µà¤¾à¤¦ आप पर बना रहता है à¤à¤‚व जीवन से सारी समसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं का अंत होता है। à¤à¤¸à¥€ मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ है कि इस दिन वà¥à¤°à¤¤ रखने से सारी मनोकामनाà¤à¤‚ पूरी होती हैं।11 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ 2021 दिन रविवार यानी अषाॠशà¥à¤•à¥à¤² पकà¥à¤· की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤ªà¤¦à¤¾ तिथि से “गà¥à¤ªà¥à¤¤ नवरातà¥à¤°à¤¿” का पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚ठहोने जा रहा है, जो 19 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ तक चलेगी। यह समय शकà¥à¤¤à¤¿ की देवी माता दà¥à¤°à¥à¤—ा जी की पूजा अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ का दिन है। अगर आप माता दà¥à¤°à¥à¤—ा जी का आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करना चाहते हैं तो इन 9 दिनो तक वà¥à¤°à¤¤ रखकर माता रानी की पूजा अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ करें। à¤à¤¸à¥€ मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ है कि नवरातà¥à¤°à¤¿ पर पूजा अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ करने से माता का आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होता है à¤à¤µà¤‚ सारी मनोकामनाà¤à¤‚ पूरी होती हैं।पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤µà¤°à¥à¤· आषाॠमास में शà¥à¤•à¥à¤² पकà¥à¤· की दà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥€à¤¯ तिथि को जगनà¥à¤¨à¤¾à¤¥ रथ यातà¥à¤°à¤¾ निकाली जाती है, ये रथ यातà¥à¤°à¤¾ 10 दिनों तक चलती है। इस रथ यातà¥à¤°à¤¾ का आयोजन उड़ीसा राजà¥à¤¯ के पूरी के जगनà¥à¤¨à¤¾à¤¥ मंदिर से होता है। इस परà¥à¤µ को लेकर à¤à¤¸à¤¾ माना जाता है कि à¤à¤—वान विषà¥à¤£à¥ के अवतार à¤à¤—वान जगनà¥à¤¨à¤¾à¤¥ उनके à¤à¤¾à¤ˆ बलà¤à¤¦à¥à¤° और बहन देवी सà¥à¤à¤¦à¥à¤°à¤¾ के साथ जगनà¥à¤¨à¤¾à¤¥ रथ यातà¥à¤°à¤¾ का आयोजन किया जाता है। à¤à¤¸à¥‡ में यदि सब कà¥à¤› ठीक रहा तो साल 2021 में जगनà¥à¤¨à¤¾à¤¥ पूरी रथ यातà¥à¤°à¤¾ 12 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ से शà¥à¤°à¥‚ होकर 20 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ तक रहेगी। वहीं इस दिन यानी 20 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ को देवशयनी à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¥€ à¤à¥€ है जो हिनà¥à¤¦à¥‚ पंचांग के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° काफी महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ मानी गई है।अंतरिकà¥à¤· में गà¥à¤°à¤¹ और उपगà¥à¤°à¤¹ की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में परिवरà¥à¤¤à¤¨ हिनà¥à¤¦à¥‚ पंचाग में बहà¥à¤¤ महतà¥à¤µ रखता है। और 16 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ दिन शà¥à¤•à¥à¤°à¤µà¤¾à¤° को सूरà¥à¤¯ देव करà¥à¤• राशि में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ करने वाले हैं। इसलिठइस तिथि को ‘‘करà¥à¤• संकà¥à¤°à¤¾à¤‚ति’’ के रूप में जाना जाता है। इस तिथि को लेकर à¤à¤¸à¤¾ माना जाता है कि इस दिन से सूरà¥à¤¯ देव की दकà¥à¤·à¤¿à¤£ की यातà¥à¤°à¤¾ शà¥à¤°à¥‚ हो जाती है, जो मकर संकà¥à¤°à¤¾à¤‚ति तक चलती है।
जैसा की हमने पहले ही बता चà¥à¤•à¥‡ हैं कि आषाण मास में पड़ने वाली दोनो ही à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¥€ बहà¥à¤¤ महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ मानी गई है। 20 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ दिन मंगलवार को ‘‘देव शयनी à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¥€’’ पड़ रही है जो हिनà¥à¤¦à¥‚ धरà¥à¤® के मà¥à¤¤à¤¾à¤¬à¤¿à¤• बहà¥à¤¤ ही शà¥à¤ मानी गई है। इस à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¥€ से ही मांगलिक कारà¥à¤¯ जैसे शादी-विवाह, गृह पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶, यजà¥à¤žà¥‹à¤ªà¤µà¥€à¤¤ आदि पर अगले चार मास के लिठविराम लग जाà¤à¤—ा। इस दिन से चार महीने तक का समय à¤à¤—वान विषà¥à¤£à¥ जी के आराम करने का दिन है और वह इस दौरान निदà¥à¤°à¤¾à¤•à¤¾à¤² में चले जाते हैं। चलिठइसके शà¥à¤ मà¥à¤¹à¥‚रà¥à¤¤ पर à¤à¤• नजर डाल लेते हैं।
20 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ दिन मंगलवार को à¤à¤•à¤¦à¤¶à¥€ पड़ रही है लेकिन इसकी शà¥à¤°à¥‚आत रातà¥à¤°à¤¿ 19 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ 09ः59 बजे से शà¥à¤°à¥‚ होकर इसका समापन 20 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ शाम 07ः17 बजे से हो रहा है। वहीं पारणा का समय सà¥à¤¬à¤¹ 05ः17 बजे से 09ः15 बजे तक है।पूरà¥à¤£à¤¿à¤®à¤¾ के बाद आने वाली चतà¥à¤°à¥à¤¥à¥€ संकषà¥à¤Ÿà¥€ चतà¥à¤°à¥à¤¥à¥€ कहते हैं। इस साल आषाॠमास में यह 27 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ दिन मंगलवार को पड़ रही है। इस तिथि को लेकर à¤à¤¸à¤¾ माना जाता है कि ‘‘संकषà¥à¤Ÿà¥€ चतà¥à¤°à¥à¤¥à¥€’’ को à¤à¤—वान गणपति जी की आराधना करके विशेष वरदान मिलता है। साथ ही इस दिन वà¥à¤°à¤¤ रखने से पारिवारिक कà¥à¤²à¥‡à¤¶ à¤à¥€ खतà¥à¤® होता है और घर में सà¥à¤–-समृधà¥à¤¦à¤¿ का वास होता है।