Homeslider news,अपना मध्यप्रदेश,
बेटी वसुंधरा और यशोधरा ने तिथि से मनाया राजामाता का जन्मदिन, बेटियां बोली- उत्सव का दिन, सभी बहनों को करवाचौथ की बधाई

ग्वालियर में राजमाता विजयाराजे सिंधिया की जयंती को लेकर भी सिंधिया घराने के पोते और बेटियों में अलग-अलग राय है। राजामाता के पोते भाजपा नेता व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 12 अक्टूबर को राजामाता के जन्मदिवस पर पूरे परिवार के साथ आकर पुष्पांजलि अर्पित की थी। पर राजमाता की बेटियों राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे और प्रदेश सरकार में मंत्री यशोधरा राजे ने तिथि के आधार पर रविवार को करवाचौथ पर राजमाता का जन्मोत्सव मनाया है। इसे क्या समझा जाए यह बाद में बात करेंगे। इस अवसर में वसुंधरा और यशोधरा राजे रविवार सुबह ग्वालियर पहुंची। यहां उन्होंने राजमाता विजयाराजे सिंधिया की जयंती मनाई। इस दौरान मीडिया ने जब राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे से बात करना चाही तो उन्होंने कहा कि परवारिक कार्यक्रम है। इसलिए राजनीतिक बात नहीं करेंगी। करवाचौथ पर सभी महिलाओं को बधाई दी है।भाजपा की वरिष्ठ नेता व स्थापना सदस्य राजामाता विजयाराजे सिंधिया का जन्म 12 अक्टूबर 1919 को करवाचौथ के दिन हुआ था। यही वजह है कि सिंधिया घराने से जुड़े सदस्य इसे अलग-अलग दिनों में मनाते हैं। जहां राजमाता के पोते केन्द्रीय मंत्री तारीख मतलब 12 अक्टूबर को ही यह जयंती मना चुके हैं। इसी दिन भाजपा ने भी अपने यहां सारे कार्यक्रम रखे। पर राजमाता की बेटियां राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और मध्य प्रदेश सरकार की मंत्री यशोधरा राजे ने तिथि के आधार पर रविवार को करवाचौथ पर राजामाता की जयंती मनाई है। इसके लिए वह कटोराताल स्थित सिंधिया छतरी पर पहुंची और पुष्पांजलि अपिर्त की। राजमाता के समाधि स्थल पर पुष्पाजंलि देने के लिए बड़ी तादात में BJP नेता और कार्यकर्ता पहुंचे हैं। साथ ही गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, मंत्री भारत सिंह कुशवाहा ने भी राजमाता की समाधि पर पुष्पांजलि दी। पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया राजमाता को पुष्पांजलि देने पहुंचे। वसुंधरा ने कहा कि आज पारिवारिक रूप से राजमाता का जन्मदिन मनाया गया। वहीं गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा और पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया ने राजमाता को पार्टी और हिंदुत्व के प्रति समर्पित महान शख्सियत बताया है।
बिना मोह और स्वार्थ के जनसेवा की है
- राजमाता की जयंती पर पूर्व मंत्री व सिंधिया घराने के कट्‌टर प्रतिद्वंदि जयभान सिंह पवैया भी कटोरा ताल छत्री पर पहुंचे और पुष्पांजलि अर्पित की। उन्होंने इस मौके पर कहा कि राजमाता एक राजनीतिक व्यक्तित्व तक ही सीमित नहीं हैं। वह हिंदुत्व के लिए समर्पित रहीं। संतों और गायों के सम्मान के लिए काम किया। मेरा और राजमाता का साथ अयोध्या आंदोलन से लेकर हिंदुत्व आंदोलन तक 15 साल तक रहा है। इसलिए मैं उनको नमन करता हूं। प्रदेश में पहली गैर कांग्रेसी सरकार बनाते समय मुख्यमंत्री का पद नहीं लिया। भाजपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद की भी चाह नहीं की और प्रस्ताव अस्वीकार दिया। बिना मोह और स्वार्थ के सिर्फ जनसेवा की।

Share This News :