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चुनावों से पहले BJP में बढ़ रहा है ज्योतिरादित्य सिंधिया का कद?

ग्वालियर : कांग्रेस (Congress) को छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (BJP) का दामन थामने वाले केंद्रीय नागरिक उड्डयन और इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) का कद पार्टी में धीरे-धीरे बढ़ रहा है. इसी के साथ उनकी संगठन और राष्ट्रीय स्वयंसेवक (RSS) से नजदीकी भी बढ़ रही है. मध्य प्रदेश की राजनीति में बड़ा बदलाव लाने का काम ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में हुआ था. सिंधिया ने कांग्रेस का दामन छोड़ कर बीजेपी का दामन थामा तो राज्य की कमल नाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार गिर गई. बीजेपी की सत्ता में वापसी हुई और उसके बाद सिंधिया का सियासी कद पार्टी में धीरे-धीरे बढ़ने लगा.कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए सिंधिया को शुरूआती तौर पर बड़ी जिम्मेदारी नहीं मिली, तो कांग्रेस ने जमकर चुटकी ली, मगर वक्त गुजरने के साथ सिंधिया की बीजेपी में हैसियत बढ़ती गई. एक तरफ जहां उनके समर्थकों को शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली सरकार में बड़ी जिम्मेदारियां मिली हैं तो संगठन में भी उनसे जुड़े लोगों को महत्व दिया गया है. इतना ही नहीं सिंधिया को पहले नागरिक उड्डयन मंत्रालय दिया गया उसके बाद इस्पात मंत्रालय की जिम्मेदारी भी उन्हें सौंपी गई है.

सिंधिया की एक तरफ जहां संगठन और सत्ता से जुड़े प्रमुख लोगों से नजदीकियां बढ़ रही हैं तो दूसरी ओर वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के करीब भी पहुंच रहे हैं. उनके लगातार संघ कार्यालयों के दौरे हुए तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के प्रवासों के दौरान उन का बढ़ता प्रभाव भी नजर आया.

बीते रोज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का जय विलास पैलेस में जाकर 'गाथा स्वराज की' गैलरी का शुभारंभ करना नए संकेत दे रहा है. संभवत: अमित शाह बीजेपी के राष्ट्रीय स्तर के पहले ऐसे नेता हैं जिनका जय विलास पैलेस जाना हुआ है. अमित शाह के इस प्रवास के जरिए सिंधिया ने अपनी ताकत का भी प्रदर्शन किया.

सूत्रों का कहना है कि आगामी समय में गुजरात के विधानसभा चुनाव होने वाले है और बीजेपी सिंधिया का वहां प्रचार में बड़ी जिम्मेदारी भी सौंप सकती है. ऐसा इसलिए क्योंकि सिंधिया की परिवार से जुड़े कई राजघरानों का वहां प्रभाव है.

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