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चंद्र ग्रहण, इन 4 लोगों के लिए मान्य नहीं है सूतक काल के नियम

कार्तिक अमावस्या को सूर्य ग्रहण के बाद कार्तिक पूर्णिमा आठ नवंबर को मेष राशि और भरनी नक्षत्र में खगास्त्र चंद्र ग्रहण लग रहा है। कोरैय निवासी ज्योतिषविद राधे सुधा शास्त्री के अनुसार तीन प्रहर अर्थात नौ घंटे पहले सुबह 07:59 बजे से सूतक लग जाएगा। हिंदू धर्म में सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण दोनों को भी अशुभ माना जाता है। साल का दूसरा चंद्र ग्रहण आठ नवंबर को दीप दीपावली के दिन लगने जा रहा है। साल 2022 में यह अजीब संयोग बन रहा है कि सिर्फ 15 दिन के अंतराल में ही दूसरा ग्रहण लग रहा है। आठ नवंबर को लगने वाला चंद्र ग्रहण साल का आखिरी ग्रहण होगा।

ग्रहण काल में शयन और शौचादि क्रिया भी निषिद्ध है। देव मूर्ति का स्पर्श भी नहीं करना चाहिए। धर्म शास्त्र तथा पुराणों का कथन है कि ग्रहण काल में जप तथा दान एवं हवन करने से बहुत फल होता है। धर्म सिंधु में आता है कि ग्रहण लगने पर ग्रहण के मध्य में हवन तथा जप और तप समाप्त होने वाला हो तब दान और समाप्त होने पर पुण्य स्नान करना चाहिए।ज्योतिषविद के अनुसार सूर्य ग्रहण के 12 घंटे और चंद्रग्रहण के नौ घंटे पहले से विधवा, यति, वैष्णव और विरक्तों को भोजन नहीं करना चाहिए। बाल, वृद्ध, रोगी और पुत्रवान गृहस्थ के लिए नियम अनिवार्य नहीं है।

चंद्र ग्रहण का राशियों पर असर

मेष- घात, चोट-चपेट, वृश्चिक - हानि, मिथुन-लाभ, सिंह- यात्रा, प्रवास, कन्या- घात, चोट-चपेट, कर्क-मान-सम्मान में कमी, धनु-संतान को कष्ट, मकर-कलह, क्लेश, कुंभ- शुभ काम बनेंगे, मीन-धन नाश।, बृष-शत्रु पराजय, रोग नाश।

ग्रहण काल में विधानत: जल, भोजन आदि में कुश या तुलसी डालना चाहिए। इससे ग्रहण काल में वह दूषित नहीं होता है।

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