माधवराव सिंधिया की प्रतिमा का विरोध:अनावरण रोका; हाईकोर्ट जाने की तैयारी
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने चौक-चौराहों पर लगी नेताओं और दिवंगत विशिष्ट जनों की प्रतिमाएं हटाने का आदेश इसी साल मार्च में दिया है। हाईकोर्ट ने 18 जनवरी 2013 के बाद लगाई गई प्रतिमाओं को हटाने को कहा है। यह भी हिदायत दी कि भविष्य में मध्यप्रदेश की सड़कों या सार्वजनिक महत्व की भूमि पर कोई प्रतिमा न लगाई जाए। इस आदेश के बाद राजधानी भोपाल में पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह की प्रतिमा का अनावरण रुक गया। टीटी नगर स्थित नानके पेट्रोल पंप से अर्जुन सिंह की प्रतिमा को हटाकर व्यापमं चौराहे पर शिफ्ट कर दिया। कांग्रेस नेता इसका अनावरण करने की मांग कर रहे हैं।
अब विरोध की वजह जान लीजिए...
टीकमगढ़ के समाजसेवी और क्षत्रिय महासभा के जिलाध्यक्ष पुष्पेंद्र सिंह चौहान ने माधवराव सिंधिया की प्रतिमा अनावरण के विरोध की वजह बताते हुए कहा...
टीकमगढ़ शहर के सर्किट हाउस की ऐतिहासिक इमारत महाराजा वीर सिंह जूदेव ने बनवाई थी। जो भी अतिथि आते हैं, सबसे पहले सर्किट हाउस में ही रुकते हैं। सर्किट हाउस कैम्पस में चोरी-छिपे माधवराव सिंधिया की प्रतिमा लगा दी गई। ग्वालियर में उनकी कई प्रतिमाएं लगी हैं। टीकमगढ़ में भी सिंधिया जी की प्रतिमा किसी और स्थान पर लगा दें, कोई दिक्कत नहीं। टीकमगढ़ का वैभवशाली इतिहास रहा है। इस शहर के विकास और वैभव को आगे बढ़ाने में जिनका योगदान रहा है, उनकी प्रतिमाएं लगाई जानी चाहिए।
टीकमगढ़ में कई महापुरुष रहे हैं। भगवान राम को अयोध्या से ओरछा लाने वाली रानी कुंवर गणेश, जनकपुरी में जानकी जी का नौलखा मंदिर, अयोध्या में कनक भवन बनवाने वाली रानी वृषभानु कुंवर टीकमगढ़ से आती हैं। जल संरक्षण के क्षेत्र में शहर को समृद्ध बनाने वाले महाराजा प्रताप सिंह जूदेव हों या बुंदेलखंड केसरी महाराजा छत्रसाल। जिनका टीकमगढ़ से लगाव, जुड़ाव और जन्म स्थान रहा है, उनकी प्रतिमाएं यहां लगनी चाहिए।
माधवराव सिंधिया का शहर के विकास में कोई रोल नहीं रहा है। उनके नाम का एक शिलालेख भी यहां नहीं है, इसलिए यहां के नागरिकों की मांग है कि यहां की स्थानीय विभूतियों की प्रतिमाएं लगाई जाएं।
पुष्पेंद्र सिंह चौहान का यह भी कहना है टीकमगढ़ के सर्किट हाउस में लगाई गई माधवराव सिंधिया की प्रतिमा को लेकर स्थानीय लोग हाईकोर्ट में याचिका दायर करने का मन बना रहे हैं।