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1.20 करोड़ की लूट का खुलासा

ग्वालियर में सोमवार को दिनदहाड़े हुई 1.20 करोड़ रुपए की लूट में पुलिस 6 घंटे में ही खुलासा कर दिया है। कंपनी के एक कर्मचारी ने अपने साथियों के साथ मिलकर लूट की प्लानिंग की थी। पुलिस ने लुटेरा सहित 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। लगभग 70 फीसदी माल भी बरामद हो गया है। एक आरोपी अभी फरार है जिसकी तलाश की जा रही है। हर सप्ताह यही दोनों कर्मचारी मोटी रकम लेकर कंपनी दफ्तर से बैंक जाते थे, लेकिन बार-बार इतनी रकम ले जाने पर इनकी नीयत डोल गई।

जिसके बाद इन्होंने अपने दो अन्य साथियों के साथ मिलकर शहर की सबसे बड़ी लूट की प्लानिंग कर उसे अंजाम तक पहुंचाया। पर CCTV फुटेज में विरोध न करना और बीच बाजार में आराम से लुट जाने पर पुलिस को संदेह हुआ। लूट की कहानी बार-बार पूछी तो कर्मचारी टूट गया फिर पुलिस ने पूरे मामले का खुलासा किया है।

पैसा बांटने से पहले पकड़े

पुलिस पूछताछ में पकड़े गए आरोपियों ने बताया है कि उन्होंने लूट करने से पहले घटनास्थल का पूरा निरीक्षण कर लूट की रिहर्सल की थी जिसके बाद उन्होंने यह लूट की झूठी घटना को अंजाम दिया है लेकिन लूटी गई रकम का हिस्सा करके आरोपी भाग पाते इससे पहले ही पुलिस के हत्थे चढ़ गए।

यह है पूरा मामला
भिंड रोड निवासी मेहताब सिंह गुर्जर ट्रांसपोर्टर हैं। उनका डीडी नगर में हरेन्द्र ट्रेडिंग नाम से कंपनी का दफ्तर है और इस कंपनी में बाल किशन साहू भी साझेदार हैं।। यहां प्रमोद गुर्जर व सुनील शर्मा कर्मचारी हैं। सोमवार सुबह कंपनी के कर्मचारी, कंपनी की कार हुंडई वरना MP07 CF-6430 से इंदरगगंज बैंक ऑफ बडौदा के लिए निकले थे। डिक्की में उन्होंने रुपयों से भरा कार्टन रख लिया। जिसमें 1.20 करोड़ रुपए थे, जबकि 30 लाख रुपए कार की सीट पर एक बैग में रखे थे। यह दो दिन शनिवार और रविवार का कलेक्शन था। दोपहर में जैसे ही यह कर्मचारी बैंक के पास छप्परवाला पुल से राजीव प्लाजा वाली गली में पहुंचे थे तभी वहां दो लुटेरों ने कट्‌टा अड़ाकर कार की डिक्की खुलवाई और रुपयों से भरा कार्टन लूटकर ले गए। घटना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और पड़ताल शुरू कर दी है। प्राारंभिक पड़ताल में पुलिस कर्मचारियों पर ही संदेह कर रही है। पुलिस बार-बार लूट की कहानी सुन रही है। जिससे कोई सुराग मिल सके

6 साल से है कंपनी में नौकरी कर रहे हैं कर्मचारी
 हरेन्द्र ट्रेडिंग कंपनी के पार्टनर बालकिशन साहू ने बताया था कि यह कर्मचारी उनके विश्वास वाले हैं। करीब 5 से 6 साल से यह कंपनी में कर्मचारी हैं। इन पर उन्हें विश्वास है। उन्होंने यह भी बताया कि कंपनी मंे कल 4 से 5 कर्मचारी हैं। इसके अलावा हम पार्टनर है। सभी को पता था कि आज कैश बैंक के लिए ले जाया जाएगा। पर कंपनी के कर्मचारियों पर अटूट विश्वास रखना ही कंपनी के मालिकों की कमजोरी बन गई। कर्मचारी की रुपयों को देखकर नीयत डोल गई और यह लूट की प्लानिंग कर डाली।हर सप्ताह बैंक में जमा किया जाता था कैश
 कंपनी की ओर से यह भी पता लगा है कि लूटा गया कैश शनिवार और रविवार का कलेक्शन नहीं बल्कि सात दिन का कलेक्शन था। कंपनी की ओर से यही दोनों कर्मचारी हर सप्ताह बैंक में कैश जमा करने जाते थे। महीने में 4 से 5 चक्कर लगते थे। कई बार तो इससे कहीं ज्यादा कैश होता था। यही देखकर कंपनी के कर्मचारियों की नीयत खराब हुई और लूट की प्लानिंग की।
CCTV फुटेज से मिला सुराग, पुलिस ने किया खुलासा
 लूट का खुलासा करने वाली पुलिस को सबसे बड़ा सुराग घटना स्थल के CCTV कैमरों के फुटेज से मिला था। उसमें भी बदमाश बहुत की आराम और प्यार से कार को रुकवाते हैं। इसके बाद कार के कांच से कट्‌टा अंदर डालकर धमकाते हुए डिक्की खुलवाते हैं। पीछे से दूसरा लुटेरा आता है रुपयों से भरा कार्टन लेकर फरार हो जाता है। कहीं कोई विरोध नजर नहीं आया। कार के अंदर बैठे कर्मचारी चतुराई दिखाकर पॉवर विंडो ऑफ कर कट्‌टा पकड़ सकते थे। सड़क पर कार को दौड़ा सकते थे। पर ऐसा कुछ नजर नहीं आया। यहीं पुलिस का माथा ठनक रहा था। इसके बाद पुलिस ने बारीकी से पूछताछ की तो पूरी लूट का खुलासा हो गया।

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