चाणक्य नीति:जमीन देखकर अपना कदम बढ़ाएं
आचार्य चाणक्य के अनुसार कभी-कभी कुछ ऐसे लोग होते हैं, जो अपने परिवार के लिए शत्रु समान व्यवहार करते हैं। वे महज एक बोझ समझते हैं। आचार्य चाणक्य ने परिवार के ऐसे रिश्तेदारों व करीबियों के बारे मे विस्तार से चर्चा की है।
हर व्यक्ति के लिए प्रासंगिक है ये नीति
आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में जिन बातों का जिक्र किया है जो हर व्यक्ति के लिए प्रासंगिक माना गया है। चाहे वो बात आपके दोस्तों से जुड़ी हो, रिश्तेदारों से या माता-पिता से। आचार्य चाणक्य की ये सीख सैकड़ों साल बाद भी अमल में लाई जा सकती है। चाणक्य ने ऐसे लोगों की पहचान करने के बारे में बताया है कि वे कितने ही सगे क्यों न हों, लेकिन समय पड़ने पर वो आपका साथ छोड़ देते हैं और आपके दुश्मन बन जाते हैं।
जमीन देखकर अपना कदम बढ़ाएं
आचार्य चाणक्य ने कहा है कि बड़े इंसान भले ही बन जाएं लेकिन हमेशा जीवन में आगे बढ़ने के लिए अपने कदम जमीन टटोलने के बाद ही बढ़ाना चाहिए। उन्होंने कहा है कि जो लोग घमंड में चूर हो जाते हैं और ऐसा नहीं करते हैं वे जल्द ही चोटिल भी हो जाते हैं। ऐसे लोग खुद ही अपने लिए परेशानी खड़ी कर देते हैं। जो व्यक्ति में जीवन में आगे बढ़ना चाहता है वह ऐसी जगह बिल्कुल नहीं जाता, जहां रोजगार का कोई साधन न हो।