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पूर्व जेल अधीक्षक और अकाउंटेंट दो दिन की रिमांड पर

उज्जैन स्थित भैरवगढ़ केंद्रीय जेल में हुए करोड़ों के जीपीएफ घोटाले के मुख्य आरोपी अकाउंटेंट रिपुदमन सिंह और पूर्व जेल अधीक्षक ऊषा राज को पुलिस पूछताछ के लिए दो दिन की रिमांड पर भेज दिया गया है। गबन के मामले में गिरफ्तारी के बाद दोनों आरोपियों को माननीय न्यायालय में पेश किया गया था। जेल की अकाउंट शाखा के प्रभारी रिपुदमन सिंह को बनारस से गिरफ्तार किया गया था। वहीं, भैरवगढ़ जेल की पूर्व अधीक्षक उषा राज के खिलाफ भी पुलिस ने धोखाधड़ी सहित कई धाराओं में मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया था।

एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ल ने बताया कि लगभग 13 करोड़ 54 लाख रुपये के इस घोटाले में 67 अधिकारी और कर्मचारियों के खाते से लगभग 122 बार ट्रांजैक्शन कर यह राशि निकाली गई थी। इसमें शामिल तीन अधिकारी और कर्मचारियों की मौत भी हो चुकी है। उन्होंने बताया कि इस जीपीएफ के खाते से 103 बार में लगभग 13 लाख 45 हजार की राशि, 10 कर्मचारियों के वेतन से लगभग चार लाख 41 हजार, छह कर्मचारियों के खाते से एडवांस राशि के रूप में चार लाख 48 हजार और साथ ही तीन कर्मचारियों के खाते से तीन करोड़ 60 लाख रुपये की राशि निकाली जा चुकी है।

उन्होंने बताया कि इस राशि के लिए किसी जेल के अधिकारी और कर्मचारी ने कोई भी आवेदन नहीं दिया था। लेकिन फिर भी यह राशि धोखाधड़ी कर निकाली गई। एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ल ने बताया कि लगभग तीन वित्तीय वर्ष 2020 से लेकर 2023 तक 122 खातों से गड़बड़ी होने की जानकारी लगी है।

इसलिए कसा गया पूर्व जेल अधीक्षक पर शिकंजा
एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ल ने बताया कि जेल की अकाउंट शाखा के प्रभारी रिपुदमन सिंह को बनारस से गिरफ्तार करने के बाद जब उससे सख्ती से पूछताछ की गई थी। उसने इस बात को कबूला था कि उसने जेल अधीक्षक की आईडी और पासवर्ड का उपयोग कर इस गबन कांड को अंजाम दिया था। साथ ही उसने यह भी बताया था कि इस गबन कांड में उनकी भूमिका भी है। रिपुदमन सिंह द्वारा दिए गए इन बयानों के बाद जेल अधीक्षक को तत्काल उज्जैन लाया गया। दोनों के खिलाफ धारा 420, 109, 467, 471, 34 और 120बी में मामला दर्ज कर लिया गया।

16 अधिकारियों की टीम कर रही जांच
जानकारी के मुताबिक, इस मामले में 16 अधिकारियों की टीम जांच कर रही है। टीम आवेदन से आहरण और हस्तांतरण से लेकर समस्त जानकारी जुटा रही है। इस जांच के दौरान हर मुख्य बिंदु को ध्यान में रखा जाएगा और जो भी दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ कार्रवाई जरूर होगी। एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ल ने बताया कि जिनके खातों में भी यह राशि आई है, उन्हें यह बताना जरूरी होगा कि यह रुपये उन्हें किन कारणों से दिए गए थे। साथ ही पुलिस ने उन सभी खातों को बैंकों से सीज करवा दिया है जिनमें रिपुदमन, धर्मेंद्र और शैलेंद्र ने रुपये ट्रांसफर किए थे।

अब तक पांच आरोपी गिरफ्तार
पुलिस अब तक जेल अधीक्षक उषा राज, सहायक लेखाधिकारी रिपुदमन और निकास चौराहा निवासी हरीश गहलोत, देवास निवासी रोहित चौरसिया और एमआर 5 रोड निवासी सुशील परमार को गिरफ्तार कर चुकी है। वहीं, दो अन्य आरोपित धर्मेंद्र और शैलेंद्र पर भी इनाम की राशि बढ़ाकर दस-दस हजार रुपये की जा रही है।

गबन कांड पर एक नजर...
10 मार्च 2023 को गबन कांड सामने आया था। 11 मार्च को केस दर्ज होते ही जेल की अकाउंट शाखा का प्रभारी रिपुदमन फरार हो गया। जेल विभाग की जांच में 15 करोड़ का घोटाला होने का पता चलते ही 14 मार्च को प्रहरी शैलेंद्र सिकरवार और धर्मेंद्र लोधी भी भाग गए। 15 मार्च को जेल अधीक्षक को हटाने के लिए कर्मचारी परिवार सहित धरने पर बैठ गए थे। विधायक महेश परमार ने विधानसभा में प्रश्न लगाकर गृहमंत्री को ज्ञापन सौंपा।

वहीं, 16 मार्च को जांच रिपोर्ट मिलने के अगले दिन जेल डीजी अरविंद कुमार ने अधीक्षक उषा राज को हटाकर हिमानी मनवारे को प्रभार सौंपने के आदेश दिए। 18 मार्च जेलकर्मियों के परिजनों ने खुशिया मनाई, मनवारे ने चार्ज लिया और उषा राज को पुलिस ने पूछताछ के लिए हिरासत में लिया। बाद में वह इंदौर में भर्ती हो गईं। 21 मार्च को एसएसपी शुक्ल ने रिपुदमन और शैलेंद्र सिंह पर 5-5 हजार का इनाम घोषित कर दिया। वहीं, सटोरिए रोहित चौरसिया, रिंकू मांदरे और हरीश गहलोत को रिमांड पर लिया गया।

दो फरार सिपाहियों को भी खोज रही पुलिस...
जेल के दो फरार सिपाही शैलेंद्र सिकरवार और धर्मेंद्र लोधी की धरपकड़ के लिए भी दो टीम ग्वालियर, भिंड और अन्य जगह भेजी हुई है। ये दोनों भी जल्द पकड़े जाएंगे। गबन कांड की जांच कर रहे एएसपी और एसआईटी हेड डॉ. इंद्रजीत बाकलवार ने बताया कि एक-दो दिन में गबन कांड को लेकर पूरी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। जांच और कार्रवाई में काफी कुछ नतीजे के करीब है, धरपकड़ की कार्रवाई जल्द पूरी होते ही खुलासा करेंगे।

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