मकान या दुकान किराए पर लेने के बदले नियम, सरकार ने नोटिफिकेशन किया जारी

केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सर्कुलेशन के लिए मॉडल टेनेन्सी एक्ट को मंजूरी दे दी है। नये कानून को तैयार करते समय मकान मालिक और किराये के हितों को ध्यान में रखा गया है। इस कानून में किराये से जुड़े विवाद के लिए अलग से अथॉरिटी या कोर्ट बनाने का भी प्रावधान है।
क्या कहता है कानून
इस कानून के तहत अब कोई भी मकान मालिक आवासीय घर के लिए दो महीने से ज्यादा की रकम सिक्योरिटी डिपॉजिट के तौर पर नहीं ले सकता है। अगर किराया नहीं मिलता है या किरायेदार मकान खाली नहीं करता है तो उनसे मकान मालिक 2 से 4 गुना ज्यादा तक किराया वसूल सकता है।
इस नये कानून के लागू होने के बाद किराये पर रहने वाले लोगों को लाभ मिलेगा। इससे किराये के कारोबार में तेजी आएगी। आज हम आपको इससे जुड़ी जरूरी जानकारी दे रहे हैं ताकि एक मकान मालिक या किरायेदार के तौर पर आपको अपने अधिकार के बारे में जानकारी मिल सके।
सिक्योरिटी के लिए अधिकम लिमिट क्या?
नये कानून में आवासीय घरों के लिए अधिकतम 2 महीने का किराया ही सिक्योरिटी के तौर पर लिया जा सकता है। कॉमर्शियल प्रॉपर्टी के लिए यह लिमिट अधिकतम 6 महीने के लिए होगी।