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बिहार की गोल्‍ड गैंग में 500 से ज्‍यादा गुर्गे, सरगना जेल में बैठकर करता है भर्ती, देशभर में फैला अपराध का जाल

राजधानी पुलिस की गिरफ्त में आई बिहार की कुख्यात गोल्ड गैंग का सरगना सुबोध सिंह भले ही बिहार की बेउर जेल में बंद है, लेकिन उसके 500 से अधिक गुर्गे देश के विभिन्न राज्यों में फैले हुए हैं। इनमें सबकी भूमिका अलग-अलग है। टारगेट बताने के बाद गिरोह की ओर से भेजे गए अनजान व्यक्ति लूट के लिए निकलने वालों से कोड वर्ड पूछकर, फर्जी आइडी, मोबाइल फोन, जैमर, बाइक, पिस्तौल देकर चले जाते हैं। लूट में कामयाब होने पर गिरोह के बदमाशों को फोन पर बताए गए स्थान पर लावारिस खड़ी गाड़ी में सोना रखने के बाद अलग-अलग स्थानों पर भागना होता है। वारदात के लिए जाने पर बदमाशों को विदेश के नंबर से आए फोन पर निर्देश मिलते रहते हैं। गिरोह एप पर आधारित फोन काल्स का इस्तेमाल करता है। इस वजह से डकैतों की लोकेशन भी पता नहीं चल पाती है।
यह खुलासा गोल्ड गैंग के गुर्गों से पूछताछ में हुआ है। पिपलानी की फेडबैंक से सोना लूटने की कोशिश में गिरफ्तार शिवम कुमार, प्रेमराज यादव, शिवशेक रंजन, विपिन कुमार और नीतिराज उर्फ प्रिंस को बुधवार को कोर्ट में पेश किया गया। इनमें से शिवम, प्रेमराज व शिवशेक को दो दिन के लिए फिर से पुलिस रिमांड पर लिया गया है। शेष दोनों को जेल भेज दिया गया। इस मामले में एक आरोपित राजा पंडित पहले से जेल में बंद है। पांच अप्रैल को पिपलानी थाना इलाके में फेडबैंक से सोना लूटने की असफल कोशिश के बाद फरार हुए गोल्ड गैंग के सरगना सहित पांच आरोपितों को पुलिस ने राजस्थान के झुंझनू से गिरफ्तार कर लिया है। इसके लिए पुलिस को 500 से अधिक सीसीटीवी फुटेज के अलावा उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, राजस्थान की खाक छानना पड़ी।

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