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30 हजार शिक्षकों की भर्ती शेड्यूल तय, 15 जून के बाद टीचर्स के तबादले

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले शिवराज सरकार पांच बड़े काम करने जा रही है। सबसे पहले शिक्षकों के तबादले किए जाएंगे। इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग 15 जून के बाद नीति जारी कर सकता है। अन्य कर्मचारियों के लिए मुख्यमंत्री फैसला करेंगे। इसी तरह, सितंबर में लैपटॉप के लिए 12वीं के 78 हजार स्टूडेंट्स के खातों में (प्रति 25 हजार रुपए) राशि ट्रांसफर की जाएगी।

प्रमोशन में आरक्षण को लेकर सात साल से लगी रोक के चलते सरकार नए नियम लागू करने जा रही है। इसका ड्राफ्ट मुख्यमंत्री सचिवालय पहुंच गया है।

इसके अलावा, शिक्षकों के 30 हजार पदों के लिए अगस्त में भर्ती निकालने की तैयारी भी सरकार ने कर ली है।

सरकार चुनाव से पहले इन पांच बड़े का कामों को कैसे पूरा करेगी और वर्तमान में यह किस स्टेज में हैं आइए, जानते हैं...

1. शिक्षकों के तबादले : किसका होगा, किसका नहीं पॉलिसी तय

स्कूल शिक्षा विभाग के सूत्रों ने बताया कि विभाग में 15 जून के बाद ट्रांसफर की तैयारी है। यह प्रक्रिया 15 मई तक पूरी होनी थी, लेकिन वरिष्ठ पदों पर प्रभार देने की प्रक्रिया के चलते 15 जून के बाद ट्रांसफर होंगे।

नई शिक्षा नीति के ड्राफ्ट के मुताबिक नव नियुक्त शिक्षकों को ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में कम से कम तीन साल और संपूर्ण सेवाकाल के न्यूनतम 10 साल काम करना होगा। 10 वर्ष या इससे अधिक समय तक एक ही संस्था विशेषकर शहरी क्षेत्रों में पदस्थ शिक्षकों को ग्रामीण क्षेत्रों की शिक्षक विहीन और शिक्षकों की कमी वाले विद्यालयों में पदस्थ किया जाएगा।

नई शिक्षा नीति में एक बार स्वैच्छिक स्थानांतरण के बाद विशेष परिस्थिति को छोड़कर अगले तीन साल तक ट्रांसफर नहीं किया जा सकेगा। सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई शाला शिक्षक विहीन न हो जाए। प्रथम श्रेणी अधिकारियों के स्थानांतरण समन्वय मुख्यमंत्री के अनुमोदन से किए जाएंगे।

इन्हें मिलेगी छूट

गंभीर बीमार, दिव्यांग और जिन शिक्षकों की सेवानिवृत्ति तीन साल बाकी है, उन्हें इस प्रक्रिया से मुक्त रखा जाएगा। तबादले में वरीयता क्रम निर्धारित किया गया है। नई नीति के मुताबिक शिक्षकों को निर्वाचित जन प्रतिनिधियों की निजी पदस्थापना में पदस्थ नहीं किया जाएगा।

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