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मध्य प्रदेश में पोर्टफोलियो के लिए जद्दोजहद, सिंधिया खेमे के मंत्रियों को मलाईदार विभाग की डिमांड?

मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सत्ता में वापसी को तीन हफ्ते गुजर गए है, लेकिन अभी तक यह तय नहीं हुआ है कि कौन सा मंत्री किस विभाग की कमान संभालेगा. पार्टी ने पहले मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा में देरी की और फिर मंत्रियों के चयन में लंबा वक्त लिया. अब मंत्रियों के विभाग वितरण के लिए भी जद्दोजहद चल रही है, जिससे यह सवाल उठ रहा है कि क्या डॉ मोहन यादव की कैबिनेट में बड़े नाम वाले मंत्री होने के कारण पार्टी को उनके कद के हिसाब से मंत्रालय देने में पसीना आ रहा है?

चर्चा तो यह भी है कि सिंधिया खेमे के मंत्रियों को मलाईदार विभाग देने की दबाव के चलते पोर्टफोलियो अलॉटमेंट में देरी हो रही है. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने समर्थक मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, गोविंद सिंह राजपूत और तुलसी सिलावट के लिए हाई प्रोफाइल मिनिस्ट्री की मांग सीएम डॉ मोहन यादव और बीजेपी संगठन से की है. वैसे, भी साल 2020 में जब सिंधिया ने कांग्रेस से बगावत करके शिवराज के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार बनवाई थी तो उनके समर्थक 11 एमएलए को मिनिस्टर बनाया गया था. 

ये लोग थे शिवराज सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल

2020 में हुए तख्तापलट के बाद बनी शिवराज सरकार में ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक प्रद्युम्न सिंह तोमर, महेंद्र सिंह सिसोदिया, गोविंद सिंह राजपूत, प्रभुराम चौधरी, तुलसीराम सिलावट, राज्यवर्द्धन सिंह दत्तीगांव, हरदीप सिंह डंग, बिसाहूलाल सिंह, ओपीएस भदौरिया, सुरेश धाकड़ और बृजेंद्र सिंह यादव शामिल थे. उपचुनाव में सिंधिया समर्थक कमलनाथ सरकार में मंत्री रही इमरती देवी चुनाव हार गई थी, जिसके बाद उन्हें निगम मंडल में एडजस्ट किया गया था.

इन लोगों को रखा गया है बाहर

2023 के हुए विधानसभा चुनाव में सिंधिया समर्थक 11 मंत्रियों में से जीतने वालों की संख्या 6 रह गई. इनमें प्रद्युम्न सिंह तोमर, गोविंद सिंह राजपूत, प्रभुराम चौधरी, तुलसीराम सिलावट, बृजेंद्र सिंह यादव, हरदीप सिंह डंग और बिसाहूलाल सिंह चुनाव जीते. इनमें से मंत्रिमंडल में प्रद्युम्न सिंह तोमर, गोविंद सिंह राजपूत और तुलसीराम सिलावट को ही जगह मिल पाई है. लेकिन, प्रभुराम चौधरी, हरदीप सिंह डंग, बृजेंद्र सिंह यादव और बिसाहूलाल सिंह को मंत्रिमंडल से बाहर रखा गया है.

असली मारामारी इन विभागों को लेकर के है 

अपने समर्थक मंत्रियों की संख्या कम होने से केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया कुछ नाराज भी बताये जा रहे हैं. यही वजह है कि सीएम डॉ मोहन यादव ने उनसे मंत्रियों के विभागों को लेकर गोपनीय चर्चा की है. सिंधिया अपने समर्थक विधायकों को गृह, परिवहन,नगरीय प्रशासन और आबकारी जैसा महकमा दिलाना चाहते हैं. इस बीच बीजेपी संगठन के लिए कद्दावर नेता कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद सिंह पटेल और राकेश सिंह के लिए कद के हिसाब से मंत्रालय तय करने में पसीना आ रहा है.

यही वजह है कि 26 दिसम्बर को मंत्रियों द्वारा शपथ लेने के तीसरे दिन भी उन्हें विभागों का आवंटन नहीं हो पाया है. वैसे खबर है कि सीएम डॉ मोहन यादव और प्रदेश संगठन ने मंत्रियों के विभाग तय करके अंतिम सहमति के लिए सूची दिल्ली में केंद्रीय नेतृत्व के पास भेज दी है. अंतिम फैसला केंद्रीय नेतृत्व ही लेगा. असली मारामारी गृह, वित्त, परिवहन, नगरीय प्रशासन, आबकारी, लोक निर्माण विभाग जैसे मलाईदार मंत्रालयों को लेकर है.

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