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मेयर ने कहा-28 करोड़ के घोटाले की फाइलें अफसर कार मेें लेकर क्यों घूम रहे थे

इंदौर नगर निगम में 28 करोड़ रुपये के घोटाले के मामले में अफसर दस्तावेज और हस्ताक्षर फर्जी होने की बात कह रहे है और घोटाले की फाइलें कार से चोरी होना बता रहे है, लेकिन मेयर पुष्य मित्र भार्गव ने घोटाले को लेकर अफसरों की भूमिका पर संदेह जताया है।उन्होंने सवाल उठाया कि फर्जी बिल दो साल पुराने कामों के आधार पर भुगतान के लिए पहुंचे तो इतने समय तक अफसरों ने घोटाला क्यों छुपाए रखा और घोटाले की फाइलें कार में क्यों रखी गई।नगर निगम के अकाउंट विभाग में ड्रेनेज लाइनों के 28 करोड़ रुपये के बिल भुगतान के लिए लगाए गए थे। जिसे पर अफसरों को शंका हुई थी। इसके बाद पांच फर्मों के खिलाफ नगर निगम के अधीक्षण यंत्री सुनील गुप्ता ने प्रकरण दर्ज कराया। गुप्ता की कार से इस घोटाले की फाइलें भी चोरी हो चुकी है। अब तक पांच ठेकेदारों का पता भी नहीं चल सका है। पुलिस ने उनके खिलाफ दस हजार का इनाम घोषित किया है।निगम के घोटाले को लेकर मेयर भार्गव ने बताया कि वे इस मामले में मुख्यमंत्री और नगरीय विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर उच्च स्तरीय जांच की मांग कर चुके है। इन पांच फर्मों के अलावा नाला टैपिंग प्रोजेक्ट के तहत हुए कामों की भी जांच होना चाहिए,क्योकि उस प्रोजेक्ट भी लगातार शिकायतें मिल रही है।

 
28 करोड़ रुपये के घोटाले के बिल तैयार हुए। उसमें निगम की मेजरमेंट बुक का इस्तेमाल हुआ। अफसर अपने हस्ताक्षर फर्जी बता रहे है, लेकिन बिल अकाऊंट विभाग तक पहुंचे कैसे? यह भी जांच का विषय है। मेयर ने कहा कि घोटाले मेें जो भी दोषी है, उन्हें बक्शा नहीं जाएगा। पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराएंगे।

 

 
 

 

 
 
 
 

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