लोस चुनाव से पहले संकट में नायब सरकार, जानिए कांग्रेस की तरफ क्यों गए निर्दलीय विधायक
हरियाणा में तीन निर्दलीय विधायकों ने मंगलवार को भाजपा सरकार से समर्थन वापस ले लिया। वे कांग्रेस के साथ आ गए हैं और नायब सैैनी सरकार संकट में। दरअसल भाजपा से नाराज तीनों निर्दलीय विधायकों के सरकार से समर्थन वापसी के पीछे विधानसभा चुनाव की टिकट है। तीनों ही विधायकों को इस बात का आभास हो गया था कि सरकार को समर्थन देने के बावूजद भाजपा आगामी विधानसभा चुनाव में उनको टिकट नहीं देगी। इसलिए विधानसभा चुनाव में अपनी टिकट पक्की करने के लिए तीनों ने सरकार से बागी होते हुए कांग्रेस में अपनी टिकट पक्की करने की कोशिश की है।साढ़े चार साल पहले जब मनोहर लाल के नेतृत्व में भाजपा-जजपा की सरकार बनी तो निर्दलीय विधायक रणजीत सिंह को मंत्री बनाया गया था, जबकि शेष 5 को अलग-अलग विभागों में चेयरमैन नियुक्त किया गया था। समय पूरा होने के बाद किसी निर्दलीय विधायक को सरकार ने दोबारा एडजेस्ट नहीं किया। जजजा से गठबंधन टूटने के बाद निर्दलीयों को आस जगी थी कि उनको मंत्रिमंडल में जगह मिलेगी, लेकिन यहां भी भाजपा उनको गच्चा दे गई और निर्दलीय देखते रह गए। उस समय भाजपा ने निर्दली विधायकों को विधानसभा की टिकटों में एडजेस्ट करने की बात कही थी, लेकिन धीरे-धीरेे विधायकों को लगने लगा था कि भाजपा में उन्हें टिकट मिलना मुश्किल है। क्योंकि चरखी दादरी से पूर्व विधायक सतपाल सांगवान जजपा छोड़कर भाजपा में शामिल हो चुके हैं और सोमबीर सांगवान के सामने यह चुनौती बनकर आए हैं।