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सांसदों को स्वीकृत कराना होगा केंद्र के पास लंबित प्रस्ताव, राज्य सरकार ने सौंपी जिम्मेदारी

 भोपाल। भारत सरकार में लंबित प्रकरणों को शीघ्र स्वीकृत कराने के लिए राज्य सरकार ने मध्य प्रदेश के सांसदों को प्रकरणों से संबंधित प्रस्ताव सौंपे हैं। इनमें वन विभाग ने अपने ऐसे 5 लंबित प्रस्तावों की जानकारी संबंधित क्षेत्र के सांसदों की दी है और इन्हें अपने स्तर पर स्वीकृत कराने का आग्रह भी किया है।

कुछ प्रस्ताव 5 साल से भी पुराने
दरअसल, राज्य के वन विभाग के पांच प्रकरणों की स्वीकृति लंबे समय से लंबित हैं, जिसके लिए विभाग प्रयासरत है। कुछ प्रस्ताव तो 5 साल से भी पुराने हैं। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि विभाग ने टाइगर रिजर्व के संरक्षित क्षेत्र में 183 करोड़ 21 लाख रुपये के विकास कार्यों की योजना एनटीसीए नई दिल्ली की स्वीकृति के लिए भेजी है।

टाइगर कंजर्वेशन
इसके अलावा एनटीसीए को संरक्षित वन क्षेत्रों में टाइगर कंजर्वेशन के लिए भी वर्ष 2022 में योजना भेजी है, जो मंजूरी के लिए लंबित है। इनके अलावा, मां रतनगढ़ मल्टीपरपज प्रोजेक्ट इकाई सेवढ़ा जिला दतिया के लिए वन भूमि का प्रकरण वर्ष 2019 से भेजा हुआ है।

सनघठा सिंचाई परियोजना
सनघठा सिंचाई परियोजना जल संसाधन शिवपुरी का भी वन भूमि संबंधी प्रकरण केंद्र को वर्ष 2018 से लंबित है। पन्ना टाइगर रिजर्व अंतर्गत कोर एरिया से ग्राम कनेरी के निवासियों को विस्थापित करने का प्रकरण वर्ष 2018 से मंजूरी के लिए भेजा हुआ है।

इसी तरह अन्य विभाग भी सांसदों को विस्तृत जानकारी के साथ प्रस्ताव स्वीकृत कराने सौंप रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी सांसदों से कह चुके हैं कि वे अपने-अपने संसदीय क्षेत्र के विकास के लिए केंद्र सरकार से विकास कार्य के लिए बजट स्वीकृत कराएं। अपने संसदीय क्षेत्र को आदर्श संसदीय क्षेत्र के रूप में विकसित करें। इनमें जनता से भी सुझाव लें।

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