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नरेंद्र सिंह तोमर बोले- विधायिका का कार्य केवल कानून निर्माण नहीं...

मध्य प्रदेश विधानसभा की नव गठित सभा समितियों की संयुक्त बैठक मंगलवार को विधानसभा के मानसरोवर सभागार में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता विधानसभा के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने की। इस दौरान तोमर ने विधानसभाई समितियों की कार्यप्रणाली, उनकी जिम्मेदारियों और महत्व पर जोर दिया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि विधायिका का कार्य केवल नीतियों पर विचार विमर्श और कानून निर्माण तक सीमित नहीं है। सरकारी कामकाज पर निरंतर निगरानी रखना और उसकी जवाबदेही सुनिश्चित करना भी विधायिका का एक प्रमुख कार्य है। उन्होंने कहा कि समितियों का प्रभाव उनके संचालन पर निर्भर करता है, इसलिए यह व्यवस्था योग्यता, कर्तव्यनिष्ठा, सहयोग, अनुशासन और शिष्टाचार की मांग करती है। तोमर ने यह भी कहा कि राज्य में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति, आयुष्मान भारत योजना और नई न्याय संहिता के क्रियान्वयन के लिए समितियों का गठन होना चाहिए। इसके लिए नियम समिति शीघ्र ही रूपरेखा प्रस्तुत करेगी। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि कोई भी समिति बड़ी या छोटी नहीं होती, सभी की अपनी-अपनी भूमिका और दायित्व होते हैं। उन्होंने कहा कि समितियों के पास लंबित कार्य नहीं रहने चाहिए और समितियों की नियमित बैठकें सुनिश्चित की जानी चाहिए। समितियों के पास राज्य के विकास और जन कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य होते हैं, जिनका सही ढंग से निर्वहन आवश्यक है।

उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि नव गठित समितियों के कार्यकाल में प्रदेश के विकास और कल्याण के कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को धन्यवाद देते हुए कहा कि समिति सभापतियों और सदस्यों को उनके दायित्व बोध कराने के लिए यह संयुक्त बैठक एक महत्वपूर्ण कदम है।लोकलेखा समिति के सभापति भंवर सिंह शेखावत ने भी समितियों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि विधानसभा की समितियों के प्रतिवेदनों के आधार पर प्रदेश के विकास और जन कल्याण के कई कार्य किए जाते हैं। प्रमुख सचिव एपी सिंह ने बैठक के दौरान समितियों के कार्यों से संबंधित विषयों पर विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की।

 



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