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अटल बिहारी वाजपेयी या माधवराव सिंधिया? ग्वालियर स्टेशन के नाम को लेकर विवाद, आमने-सामने सांसद और सिंधिया समर्थक

ग्वालियर: शहर के रेलवे स्टेशन के नाम को लेकर सियासी घमासान छिड़ गया है। लगभग 130 साल पुराने इस स्टेशन का अब पुनर्निर्माण होना है। इसी बीच बीजेपी सांसद भारत सिंह कुशवाह ने स्टेशन का नाम अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखने की मांग की है। वहीं दूसरी तरफ सिंधिया समर्थक बीजेपी और कांग्रेस नेता इसे माधवराव सिंधिया के नाम पर देखना चाहते हैं।

534 करोड़ की लागत से होगा पुनर्विकास

साल 1895 में बने ग्वालियर रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास किया जा रहा है। करीब 534 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इस स्टेशन को प्रदेश का सबसे भव्य स्टेशन बनाने का लक्ष्य है। लेकिन काम पूरा होने से पहले ही नाम को लेकर सियासत शुरू हो गई है।

ग्वालियर के सांसद ने लिखा रेलमंत्री को पत्र

ग्वालियर से बीजेपी सांसद भारत सिंह कुशवाह ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखकर स्टेशन का नाम अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखने की मांग की है। उनका कहना है कि अटल जी तीन बार देश के प्रधानमंत्री रहे और ग्वालियर से ही थे। ये इस शहर के लिए गौरव की बात है, इसलिए स्टेशन का नाम अटल जी के नाम पर ही रखा जाए।

बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद विवेक शेजवलकर भी कुशवाह की मांग का समर्थन करते हैं।

सिंधिया समर्थकों की अलग मांग

हालांकि, सिंधिया समर्थक बीजेपी नेता और पूर्व विधायक रमेश अग्रवाल का कहना है कि रेलवे स्टेशन सिंधिया परिवार की देन है। उनका कहना है कि इसका निर्माण सिंधिया परिवार के द्वारा कराया गया था और माधवराव सिंधिया का रेलवे के विकास में अहम योगदान रहा है।

कांग्रेस का पक्ष सिंधिया समर्थकों की ओर

कांग्रेस का भी यही मानना है कि ग्वालियर का स्टेशन पहले से ही बना हुआ है और माधवराव सिंधिया ने रेलवे के लिए बहुत काम किया है। ज्यादातर बड़े विकास कार्य कांग्रेस के समय पर ही हुए हैं। ग्वालियर का स्टेशन तो पहले से बना हुआ है। कांग्रेस नेता माधवराव सिंधिया ने रेलवे के क्षेत्र में पहले से कई कार्य किए हैं इसलिए रेलवे स्टेशन का नाम माधवराव सिंधिया के नाम पर ही हो।

बड़ा मुद्दा बना स्टेशन का नाम

कुल मिलाकर, ग्वालियर रेलवे स्टेशन का नामकरण एक बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है। एक तरफ पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी का नाम है तो दूसरी तरफ ग्वालियर के विकास पुरुष माने जाने वाले माधवराव सिंधिया का। देखना होगा कि आखिरकार स्टेशन का नाम किसके नाम पर रखा जाता है।

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