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प्रदेश के थाना परिसरों में मंदिर निर्माण पर रोक, डीजीपी सहित अन्य को नोटिस जारी

मप्र हाईकोर्ट ने प्रदेश के थाना परिसरों में मंदिरों के निर्माण पर अंतरिम आदेश के तहत रोक लगा दी है। चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ ने प्रदेश के मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव गृह विभाग, नगरीय प्रशासन, डीजीपी, कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक जबलपुर सहित जिले के सिविल लाइंस, विजय नगर, मदन महल और लार्डगंज को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। युगलपीठ ने मामले की अगली सुनवाई 19 नवंबर को निर्धारित की है।जबलपुर निवासी एडवोकेट ओपी यादव की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि सर्वोच्च न्यायालय ने सार्वजनिक स्थानों में धार्मिक स्थलों के निर्माण पर प्रतिबंधित आदेश जारी किये थे। पुलिस थाने भी सार्वजनिक स्थलों की श्रेणी में आते हैं। सर्वोच्च न्यायालय के प्रतिबंधित आदेश के बावजूद भी मध्य प्रदेश के कई थाने में मंदिरों का निर्माण करवाया गया है या करवाया जा रहा है। न्यायालयीन आदेशों को नजरअंदाज कर थाना परिसर के अंदर मंदिर निर्माण कराया सुप्रीम कोर्ट आदेशों का खुला उल्लंघन है। याचिकाकर्ता की तरफ से जिले के चार थाना में किये गये मंदिर निर्माण की फोटो भी याचिका के साथ प्रस्तुत की गयी थी। याचिका में राहत चाही गयी थी कि थाना परिसर में बने सभी मंदिरों को तत्काल हटाया जाये। इसके अलावा संबंधित थाना प्रभारियों के खिलाफ सिविल सर्विस रूल्स के तहत कार्रवाई की जाये। याचिका की प्रारंभिक सुनवाई पश्चात उक्त आदेष के साथ अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता सतीश वर्मा, अमित पटेल व ग्रीष्म जैन ने पक्ष रखा।


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