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राष्ट्रपति ने कहा- आदिवासियों को नहीं मिल पा रहा केंद्रीय योजनाओं का लाभ, राज्यों से की अपील

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार आदिवासी समूहों को केंद्र की योजनाएं नहीं मिलने की बात पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी केंद्रीय योजनाओं का लाभ आदिवासियों, खासकर विशेष रूप से कमजोर आदिवासी समूहों (पीवीटीजी) तक नहीं पहुंच पा रहा है, क्योंकि वे भूमिहीन हैं। उन्होंने राज्यों से इन वर्गों के विकास के लिए एकजुट होकर काम करने की अपील की।

राष्ट्रपति ने राजभवन में आदिवासी महिला स्वयं सहायता समूहों और आदिवासी समुदाय के प्रमुखों से बातचीत के दौरान कहा कि उन्होंने नीति आयोग से आदिवासियों के लिए भूमि उपलब्ध कराने और उनकी शिक्षा और स्वास्थ्य में सुधार करने के लिए वित्तीय मदद बढ़ाने की बात की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार से भी वह आदिवासियों और पीवीटीजी के विकास को बढ़ावा देने की बात करती रही हैं, क्योंकि देश तभी सही तरीके से विकास करेगा जब आदिवासी वर्ग विकसित होगा। 
 
 
राष्ट्रपति ने कहा मैं खुद आदिवासी हूं, इसलिए मैं आपकी परेशानियों और जरूरतों को समझती हूं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने आदिवासियों, खासकर पीवीटीजी, को मुख्यधारा में लाने के लिए कई कदम उठाए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि नीलगिरी जिले में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान उन्हें यह देखकर खुशी हुई कि आदिवासी समुदाय, खासकर पीवीटीजी, अपनी स्थिति में सुधार करने के लिए शिक्षा प्राप्त करने के लिए तैयार हैं। 
राष्ट्रपति ने कहा कि आदिवासियों को भूमि देने की समस्या हर राज्य में है, और राज्य सरकारों से अपील की कि वे आदिवासियों के लिए भूमि उपलब्ध कराने पर विचार करें। अंत में उन्होंने जोर दिया कि भूमिहीन आदिवासियों को भूमि जरूर मिलनी चाहिए, ताकि वे प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी केंद्रीय योजनाओं का लाभ उठा सकें। उन्होंने सभी राज्यों से आदिवासियों और पीवीटीजी के विकास में मदद करने का आग्रह किया, ताकि उनके लिए घर, शिक्षा, स्वास्थ्य, और रोजगार के अवसर सुनिश्चित किए जा सकें।
 

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