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लालू यादव से मिले राहुल गांधी तो क्या हुई बातचीत

राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव का महत्व घटने की बात एक बार फिर गप्पबाजी साबित हुई है, क्योंकि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पटना आए तो आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर उनसे बातचीत करने से खुद को नहीं रोक सके। यह पहले से उन्होंने अपने प्लान में नहीं रखा था, लेकिन पटना में कांग्रेस की सभा और कार्यकर्ताओं से संवाद के बाद उन्होंने लालू प्रसाद यादव से मिलने की जानकारी दी। करीब 3:40 पर वह सदाकत आश्रम पहुंचे और इसके पहले ही बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव को जानकारी दे दी गई कि राहुल गांधी राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव से मिलने के लिए पहुंच रहे हैं। बीपीएससी अभ्यर्थियों से मिलते हुए वह लालू प्रसाद यादव से बात करने उनके पास पहुंचे।

राहुल गांधी शनिवार को कांग्रेस के कार्यक्रम में आए और उन्होंने लालू प्रसाद यादव से मुलाकात की योजना बताई, लेकिन इस बीच वह बिहार लोक सेवा आयोग के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे 70वीं प्राथमिक परीक्षा के अभ्यर्थियों से मिलने के लिए गर्दनीबाग स्थित धरना स्थल पर भी पहुंचे। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से बात की और उन्हें बताया कि कांग्रेस उनके साथ है और इस आंदोलन में हर कदम पर साथ रहकर सरकार से भिड़ेगी। बिहार में बीपीएससी अभ्यर्थियों का एक समूह प्राथमिक परीक्षा को रद्द कराने की मांग कर रहा है। इनपर दो बार लाठीचार्ज भी हो चुका है। तेजस्वी यादव इनके साथ थे। इसके बाद निर्दलीय सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने भी कमान संभाली। इस बीच जन सुराज पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने अभ्यर्थियों के साथ खड़े होकर आमरण अनशन भी किया, हालांकि अस्पताल में भर्ती रहने के बाद उन्होंने यह खत्म कर दिया। ऐसे में राहुल गांधी ने अभ्यर्थियों से मुलाकात कर यह संदेश दिया कि कांग्रेस इस मुद्दे को चुनाव तक ले जाएगी।

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी करीब आधे घंटे तक राबड़ी आवास में रहे। यहां भी उन्होंने मीडिया से सीधी बात नहीं की। अंदर वह आधे घंटे तक रहे और मौजूदा राजनीति से लेकर बिहार विधानसभा चुनाव की रणनीति तक बात हुई। यह बात गंभीरता से नहीं हुई, लेकिन चूड़ा खाने से लेकर गौशाला देखने के बीच उन्होंने आगे की तैयारी के लिए जल्द मिलने की बात जरूर की। इस मुलाकात के बाद जब मीडिया ने लालू यादव से जानकारी चाहती तो उन्होंने सिर्फ यह कहा- “सब अच्छा है।” बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने भी कुछ जानकारी नहीं दी। तेजस्वी यादव ने पिछले दिनों साफ कर दिया था कि लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दलों का बना गठबंधन- इंडिया का अस्तित्व अब नहीं रहा है। इसके साथ ही बिहार में महागठबंधन के बैनर तले ही चुनाव में उतरने की बात हो चुकी है। 'अमर उजाला' से एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में तेजस्वी यादव ने सीएम फेस को लेकर अपने नाम की एक तरह से मुहर भी लगा दी थी। शनिवार को राजद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने भी साफ कर दिया कि महागठबंधन यह विधानसभा चुनाव तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने के लक्ष्य के साथ लड़ेगा। इन सारी बातों के साथ यह भी तय है कि बिहार में महागठबंधन के अंदर राजद ही बड़े भाई की भूमिका में रहेगा। ऐसे में राहुल गांधी का लालू प्रसाद यादव से मिलना साफ बता रहा है कि चुनावी तैयारी किस रास्ते पर होगी। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से फाइनल बात हुए बगैर ही लालू प्रसाद ने अपने हिसाब से सीटों पर राजद प्रत्याशियों का नाम घोषित कर दिया था। कांग्रेस को इस कारण दिक्कत हुई थी। विधानसभा चुनाव में ऐसा न हो, इसके लिए पहले ही सीट बंटवारे का खाका तैयार करना शनिवार की मुलाकात का एक मुद्दा था, हालांकि इसपर आगे जल्द ही विमर्श की बात हुई।

 

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