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कांग्रेस में बदलाव की लहर, सभी जिला और शहर अध्यक्ष बदलने की तैयारी

भाजपा द्वारा अपने सभी जिला और शहर अध्यक्षों के पद पर नए सिरे से नियुक्ति किए जाने के बाद अब कांग्रेस भी अपने संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने की दिशा में सक्रिय हो गई है। कांग्रेस द्वारा ब्लॉक अध्यक्षों की नई नियुक्तियों को लेकर विधानसभा क्षेत्रों में नियुक्त प्रभारी से रिपोर्ट मांगी गई है, जिससे संगठन को मजबूती मिले और नए नेतृत्व को अवसर दिया जा सके। भाजपा ने हाल ही में अपने संगठन पर्व के तहत मंडल और वार्ड इकाइयों का पुनर्गठन कर लिया है और इन सभी इकाइयों में नए अध्यक्षों की नियुक्ति कर दी गई है। इसके बाद प्रदेश स्तर पर भी जिला और शहर इकाइयों के अध्यक्ष पद पर नए चेहरों को नियुक्त किया गया है। कुछ स्थानों पर पुराने अध्यक्षों को दोबारा मौका दिया गया है, जबकि अधिकांश जिलों और शहरों में नए अध्यक्षों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। जब संगठन में नए अध्यक्षों की नियुक्ति होती है, तो पार्टी में नई ऊर्जा का संचार होता है और नए नेतृत्व के साथ संगठन को मजबूती मिलती है। नए विचारों और नई रणनीति के साथ बेहतर परिणाम लाने की कोशिश की जाती है। इसी को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस ने भी मध्यप्रदेश में अपने जिला और शहर अध्यक्षों को बदलने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। कांग्रेस पार्टी द्वारा प्रदेशभर के विभिन्न शहरों और जिलों में नियुक्त किए गए प्रभारियों के माध्यम से नए अध्यक्षों की नियुक्ति पर विचार-विमर्श किया जा रहा है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव और इंदौर के प्रभारी संजय दत्त आज कांग्रेस कार्यालय गांधी भवन में बैठकर विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों की बैठकें करेंगे। इन बैठकों में संबंधित विधानसभा क्षेत्रों के लिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा नियुक्त प्रभारी नेता भी शामिल होंगे। बैठकों में ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर भी चर्चा की जाएगी और नए जिला व शहर अध्यक्षों को लेकर नेताओं से सुझाव लिए जाएंगे। प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति के लिए अपनी अनुशंसा भेजने की समय सीमा तय कर दी है और विधानसभा प्रभारियों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने क्षेत्र में नए ब्लॉक अध्यक्षों के लिए अपनी अनुशंसा भेजें। कांग्रेस अब अपने संगठनात्मक ढांचे को और अधिक मजबूत करने के लिए ब्लॉक और वार्ड स्तर की इकाइयों का गठन करने की तैयारी कर रही है। साथ ही, जिला और शहर इकाइयों में भी नए अध्यक्ष नियुक्त करने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। हालांकि, इस तरह की पहल जब भी की जाती है, तो अक्सर प्रदेश स्तर पर इसकी ऊर्जा बनी रहती है, लेकिन जैसे ही यह प्रक्रिया दिल्ली तक पहुंचती है, उसकी गति धीमी पड़ जाती है। कांग्रेस में किसी भी तरह के बदलाव को लागू करना किसी भी प्रदेश इकाई के लिए आसान नहीं होता है, लेकिन इस बार पार्टी में नए नेतृत्व और संगठनात्मक बदलाव को लेकर व्यापक स्तर पर मंथन किया जा रहा है।



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