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RTO भ्रष्टाचार में मंत्री गोविंद सिंह का नाम ...

मध्य प्रदेश में परिवहन विभाग के भ्रष्टाचार को लेकर सियासत गरमाई हुई है। आरटीओ के करोड़पति पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा और उसके सहयोगियों से ईडी पूछताछ कर रही है। इस बीच कांग्रेस विधायक और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सरकार पर सौरभ शर्मा को बचाने का आरोप लगाया। साथ ही तत्कालीन परिवहन मंत्री और वर्तमान में मोहन सारकार के मंत्री गोविंद सिंह राजपूत पर गंभीर आरोप लगाए है। इन आरोपों पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पलटवार किया है। प्रदेश भाजपा मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने बयान देते हुए कहा कि कांग्रेस कूटरचित दस्तावेज पेश कर गोविंद सिंह राजपूत पर झूठे आरोप लगा रही है। उन्होंने कहा कि यदि उनके पास दस्तावेज सही है तो उनको जांच एजेंसी को देना चाहिए। साथ ही कोर्ट में भी जाना चाहिए। अग्रवाल ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार सस्ती लोकप्रियता के लिए यह आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस नेता पर भी आरोप लगा रहे हैं। भाजपा मीडिया प्रभारी ने कहा कि सिंघार पर कई मामले है और वह खुद आरोपों में घिरे हुए हैं, वह दूसरे पर आरोप लगा रहे है। उन्होंने कहा कि 15 माह की कमलनाथ सरकार में उमंग सिंघार पर अपने ही विभाग में खरीद-फरोख्त, ट्रांसफर-पोस्टिंग जैसे अनेकों मामलों में करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार के आरोप है। सिंघार पर झारखंड के प्रभारी सचिव के तौर पर टिकट बेचने के आरोप लगे हैं, जो उनके कांग्रेसियों ने भी लगाएं और सिद्ध भी हुए। अग्रवाल ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को ब्लैकमेलर, शराब माफिया और रेत माफिया उमंग सिंघार ने ही बताया था और आज उनके साथ ही मंच साझा करते हैं। आशीष अग्रवाल ने कहा कि वह निजी टिप्पणियां करने में विश्वास नहीं रखते पर उमंग सिंघार को याद रहे कि उन पर विभिन्न महिलाओं ने समय-समय पर बहुत गंभीर आरोप लगाए हैं। एक महिला ने तो उनके स्वयं निज निवास में आत्महत्या की थी यह समझना होगा कि वह कितनी प्रताड़ित रही होगी। कई महिलाओं ने उन पर और आरोप लगाए और आज सिर्फ सुर्खियां बटोरने के लिए ऐसे उमंग सिंघार जी दूसरों पर आरोप लगाते है तो मुझे वह शेर याद आता है कि - चेहरे पर नकाब और लहजे में बदजुबानी लिए फिरते हैं, ''जिनके खुद के बही-खाते बिगडे हों, वो दूसरों का हिसाब लिए फिरते हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेसकांग्रेस भ्रष्टाचार का पर्याय है, पर्यायवाची है। सी फॉर कांग्रेस - सी फॉर करप्शन और कांग्रेस के प्रथम परिवार की जो जितने जी हैं ''राहुल जी, सोनिया जी, प्रियंका जी और जीजा जी'' यह सभी विभिन्न गंभीर भ्रष्टाचार के मामलों में या तो अदालत से जमानत पर रिहा है। या रोज ईडी और ईओडब्यूं के चक्कर लगाते हैं। अग्रवाल ने कहा कि भाजपा सरकार की भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेस की पॉलिसी है। कांग्रेस उसे भ्रष्टाचार रोकने का पाठ पढ़ा रही है। कांग्रेस को याद रहे कि इस समय देश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार है और प्रदेश में डॉक्टर मोहन यादव जी के नेतृत्व में भाजपा की ही सरकार है और यह जितनी एजेंसी कार्रवाई कर रही है यह भारतीय जनता पार्टी की जो जीरो टॉलरेंस की पॉलिसी है उसके आधार पर ही कर रही हैं। कांग्रेस को तो आज डर है कि जो कमलनाथ सरकार के समय भ्रष्टाचार होता था यह कहीं जांच कांग्रेस तक नहीं पहुंचे, अगर कांग्रेसियों के पास सही में कोई आरोप और तथ्यग और तर्क है तो मैं बताना चाहता हूं कि जांच ऐजींसियों को सौंपना चाहिए। कांग्रेसियों के पास इतने बडे नेता हैं जो वकील हैं वह अदालत का भी दरवाजा खटखटा सकते हैं। पर सिर्फ और सिर्फ राजनीतिक शिगूफाबाजी के लिए सुर्खिया बटोरने के लिए उमंग सिंघार और जीतू पटवारी जैसे नेता आपस में ही लड़े हुए है।कांग्रेस नेता पर भी सिंघार आरोप लगा रहे
यह देश बाबा साहब के संविधान से चलता है। कांग्रेस के प्रथम परिवार के निवास से लिखी हुई किसी किताब से नहीं। इसलिए संविधान में जो जांच एजेंसियां है, जो न्याय प्रक्रिया है कांग्रेस अगर कुछ उसमें सौंपना चाहती है तो सौंपे, नहीं तो स्वयं अपने आप को सुर्खियों में लाने के लिए जो बयान-बाजी की जा रही है यह निंदनीय है। कांग्रेस ने जो दस्तावेज दिया है उसमें एक जो नाम आ रहा है वह स्वयं कांग्रेस के एक नेता का है हास्यास्पद है की उमंग सिंघार ही उस पर आरोप लगा रहे हैं। तो यह कांग्रेस को बताना चाहिए कि जो कमलेश बघेल है उनका कांग्रेस से क्या नाता है, वह किस गुट से आते हैं। बैर निकालने के लिए आज उमंग सिंघार उनका नाम ले रहे हैं।




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