MP बोर्ड परीक्षाओं में केंद्रो के बाहर रखी जाएंगी नकल पेटियां, लगेंगे जैमर, सप्लीमेंट्री कॉपी बंद

मध्य प्रदेश में 25 फरवरी से शुरू हो रहीं एमपी बोर्ड की 10वीं-12वीं की परीक्षाओं में इस बार कई बदलाव किए गएं हैं। साथ ही नकल रोकने के लिए भी पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं। पहली परीक्षा केंद्रों के बाहर नकल पेटियां रखी जाएंगी। इसमें विद्यार्थी स्वेच्छा से नकल सामग्री डाल सकेंगे। साथ ही इस बार परीक्षा के दौरान की निगरानी ऑनलाइन की जाएगी, जिसके लिए मंडल में कंट्रोल रूम बनाया जाएगा। परीक्षा केंद्रों पर जैमर लगाने के निर्देश दिए गए हैं। एमपी बोर्ड की 10वीं-12वीं की परीक्षाओं में इस बार 32 पेज की उत्तर पुस्तिका दी जाएगी। इस बार परीक्षाओं में सप्लीमेंट्री कॉपी का उपयोग पूरी तरह बंद कर दिया गया है।एमपी बोर्ड से मिली जानकारी के मुताबिक परीक्षा के दौरान नकल और पेपर लीक के मामले सामने आते हैं। इसमें अधिकतर स्थानों पर मोबाइल का प्रयोग कर लोग पेपर लीक जैसी घटनाओं को अंजाम देते हैं। इसी को देखते हुए विभाग ने प्रत्येक परीक्षा केंद्र का भौतिक निरीक्षण कराया। जिसकी रिपोर्ट गोपनीय टीम ने बनाकर दी है। इनमें करीब 300 परीक्षा केंद्रों पर पेपर लीक और नकल की संभावना को देखते हुए संबंधित परीक्षा केंद्रों पर जैमर लगाने की योजना बनाई गई है। जिससे बोर्ड परीक्षा के दौरान इंटरनेट और संचार गतिविधियों को रोका जा सके।इन परीक्षाओं में करीब 16.60 लाख स्टूडेंट शामिल हो रहे हैं। इसमें 10वीं में करीब 9.53 लाख और 12वीं में 7.06 लाख परीक्षार्थी शामिल होंगे। बोर्ड ने परीक्षा के लिए 3887 केंद्र बनाए हैं। 10वीं-12वीं परीक्षा में विद्यार्थियों को दो तरह की उत्तर पुस्तिकाएं मिलेंगी। मुख्य विषयों की 32 पेज की और वोकेशनल कोर्स के साथ संस्कृत विषय की कॉपी में 20 पेज होंगे। इसी तरह प्रायोगिक परीक्षाओं में 10वीं के विद्यार्थियों को 8 और 12 वीं के विद्यार्थियों को 12 पेज की कॉपियां मिलेंगी। गणित विषय में 32 पन्नों की ग्राफ कॉपी मिलेगी। सप्लीमेंट्री कॉपी नहीं दी जाएगी।प्रदेश भर में बोर्ड परीक्षाओं के लिए 3 हजार 887 परीक्षा केन्द्र बनाएं गए हैं। इनमें करीब 500 से अधिक संवेदनशील और अतिसंवेदनशील केन्द्र हैं। इन केन्द्रों ने सबसे अधिक ग्वालियर-चंबल संभाग के हर जिले में खतरा पैदा किया है। वहीं मुरैना में सबसे अधिक 44 केन्द्र अतिसंवेदनशील और 10 सेंटर संवेदनशील है। हालांकि इस बार भिंड में अतिसंवेदन स्थिति में कमी आई है। यहां मात्र चार परीक्षा केन्द्र अतिसंवेदनशील की श्रेणी में रखे गये हैं, लेकिन मंडल के पास जो रिपोर्ट है। उसके अनुसार पिछले एक दशक में सबसे अधिक सामूहिक नकल के प्रकरण भी इन्हीं जिलों से आये हैं।एमपी बोर्ड के पायलट प्रोजेक्ट के तहत मूल्यांकन की व्यवस्था बदली है, जो 10वीं-12वीं परीक्षा के कुछ विषयों पर लागू होगी। 10वीं में गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान और 12वीं में सिर्फ हिंदी विषय की आंसरशीट पर बार कोड लगाकर विद्यार्थियों की पहचान छिपाई जाएगी। उसके बाद कॉपियां मूल्यांकनकर्ताओं को जांचने के लिए देंगे। मूल्यांकन पूरा होने के बाद बार कोड को स्कैन कर विद्यार्थियों के अंकों को ऑनलाइन चढ़ाने में आसानी होगी। मूल्यांकन से जुड़ी दोनों व्यवस्थाओं का आंकलन किया जाएगा। कॉपी में रोल नंबर छिपाने के लिए किसी भी तरह के स्टीकर का उपयोग नहीं किया जा सकेगा।