भाजपा नेता के बेटे ने दी जान, कमरे में पंखे से लटका मिला शव

यूपी में पत्नी और ससुरालवालों की प्रताड़ना से तंग होकर भाजपा नेता के बेटे ने जान दे दी। भाजपा व्यापार प्रकोष्ठ के जिला सहसंयोजक अनिल कुमार के बेटे अंशुल वार्ष्णेय ने शनिवार दोपहर अपने कमरे में पंखे से फांसी लगा ली। मौके से बरामद सुसाइड नोट में अंशुल ने अपनी पत्नी और ससुराल वालों पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए कहा है कि उस पर दो करोड़ रुपये और एक मकान देने का दबाव बनाया जा रहा था। दंपति के बीच दो-तीन वर्षों से विवाद चल रहा था और मामला कोर्ट में विचाराधीन था। उधर पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और मामले की बारीकी से जांच शुरू कर दी है।
अंशुल की शादी करीब दस साल पहले बहजोई के मुरब्बा मोहल्ला निवासी रामावतार की पुत्री सोनम से हुई थी। दंपति के बीच पिछले दो-तीन वर्षों से विवाद चल रहा था और मामला कोर्ट में विचाराधीन था। अंशुल की सात वर्षीय बेटी मां के साथ लखनऊ में ही पति से अलग देवर के मकान में रहती है।
अंशुल लखनऊ में कोटक महिंद्रा बैंक में नौकरी करता था और लखनऊ में किराए के मकान में भी रहता था। शनिवार सुबह लखनऊ से बहजोई आया था। शनिवार दोपहर में उसका शव घर के कमरे में पंखे के कुंदे से लटका मिला। सूचना पर सीओ डॉ. प्रदीप कुमार और कोतवाल हरीश कुमार पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे और जांच-पड़ताल की। परिजनों का आरोप है कि पत्नी और ससुराल वाले अंशुल पर लगातार आर्थिक दबाव बना रहे थे, जिससे वह मानसिक तनाव में था। सुसाइड नोट में भी इस मानसिक प्रताड़ना और आर्थिक दबाव का जिक्र किया गया है। घटना की जानकारी मिलते ही मोहल्ले में रहने वाले ससुराल पक्ष के लोग घर छोड़कर फरार हो गए।
अनिल कुमार बहजोई में राशन कोटा भी चलाते हैं और महिला शक्ति केंद्र के संयोजक भी हैं। उनका बड़ा बेटा जयदीप वार्ष्णेय लखनऊ में चार्टर्ड अकाउंटेंट है। जयदीप के लखनऊ में बने मकान में बड़े भाई अंशुल की पत्नी और बेटी भी रहती थीं। सीओ डॉ. प्रदीप कुमार ने बताया कि परिजनों की ओर से कोई तहरीर नहीं मिली है। शव का पोस्टमार्टम कराया गया है। परिजनों द्वारा सुसाइड नोट में जिन नौ लोगों को आरोपी बनाया गया है, उनकी वास्तविकता की जांच की जाएगी। तहरीर के आधार पर आगे कार्रवाई की जाएगी।