शीर्ष संतों के आशीष और हजारों सनातनियों का हाथ थाम बाबा बागेश्वर निकले हिंदू एकता पदयात्रा पर
हिंदू राष्ट्र बनाने और समरसता का संकल्प लेकर सनातन हिंदू एकता पदयात्रा शुक्रवार को दिल्ली से वृंदावन के लिए निकल पड़ी। देश भर से आए संतों के सानिध्य में दीदी मां ऋतंभरा सहित संत महात्माओं ने बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को धर्म ध्वजा देकर पदयात्रा को रवाना किया। बागेश्वर महाराज ने कहा कि आज का यह दिन पहले से ही इतिहास के पन्नों में दर्ज है और फिर से इतिहास बन रहा है। धर्म सम्राट करपात्री जी महाराज ने गौ माता का आंदोलन शुरू किया था। पं. शास्त्री ने आह्वान किया कि आज संतों का साथ, सनातनियों का हाथ और नवंबर सात, लक्ष्य के लिए निकल पड़ो। महाराज श्री ने कहा कि पूरी दुनिया को हिंदुओं की ताकत का पता चलना चाहिए। परिवार की लड़ाई खत्म करने और विचारों की लड़ाई के लिए यह पदयात्रा निकल रही है। हिंदू कोई धर्म नहीं बल्कि विचारधारा है।
भारत माता, गंगा—जमुना और आदि शंकराचार्य की आरती हुई
दिल्ली के छतरपुर की सिद्ध पीठ कात्यायनी माता मंदिर प्रांगण से पदयात्रा शुरू हुई। पद यात्रा शुरू होने के पहले मंचीय कार्यक्रम हुआ। इसमें आदिगुरु शंकराचार्य जी की, भारत माता और गंगा जी जमुना जी की आरती की गई। महाराज मंच पर आने के पहले कात्यायनी माता मंदिर पहुंचे और माता का दर्शन कर आशीर्वाद लिया। गौ माता का पूजन होने के बाद संतों ने महाराज श्री को पटकी पहनाई। बागेश्वर महाराज ने अपने उद्बोधन में कहा कि धर्म सम्राट करपात्री जी महाराज के गौ आंदोलन को आगे बढ़ाने का समय आ गया है। संत समाज एक साथ बैठकर इस संकल्प को पूरा करने के प्रयास में एकजुट है। यह यात्रा राजनीतिक नहीं आध्यात्मिक है इसीलिए यह दिल्ली से वृंदावन जा रही है। गांव गांव शोर होगा एकता पर जोर होगा।