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जयराम रमेश का दर्द- मोदी विरोधी लहर के इंतजार में बैठी रही कांग्रेस, अब 'अस्तित्व का संकट'

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने सोमवार को कहा कि कांग्रेस 'अस्तित्व के संकट' से गुजर रही है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा प्रमुख अमित शाह की ओर से मिल रही चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए पार्टी नेताओं की ओर से समन्वित कोशिश की वकालत की.

कांग्रेस के सामने गंभीर चुनौती

रमेश ने कहा, 'हां, कांग्रेस पार्टी बहुत गंभीर संकट का सामना कर रही है.' उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने 1996 से 2004 तक 'चुनावी संकट' का सामना किया, जब वह सत्ता से बाहर थी. पार्टी ने 1977 में भी चुनावी संकट का सामना किया था जब वह आपातकाल के ठीक बाद चुनाव हार गई थी.

उन्होंने कहा, 'लेकिन आज, मैं कहूंगा कि कांग्रेस अस्तित्व के संकट का सामना कर रही है. यह चुनावी संकट नहीं है. सचमुच में, पार्टी गंभीर संकट में है.' उनसे पूछा गया कि क्या राज्यसभा चुनावों में पार्टी नेता अहमद पटेल की जीत सुनिश्चित करने के लिए गुजरात में भाजपा द्वारा विधायकों को पाला बदलवाने के खतरे के कारण पार्टी ने अपने विधायकों को कर्नाटक भेजा.

उन्होंने भाजपा द्वारा कथित पाला बदलवाने की कोशिश से बचने के लिए 29 जुलाई को कांग्रेस के अपने 44 विधायकों को पार्टी शासित कर्नाटक के एक रिजार्ट में भेजे जाने के फैसले को उचित ठहराते हुए कहा अतीत में भगवा पार्टी भी अपने विधायकों को भेज चुकी है.

मोदी विरोधी लहर के इंतजार में लगा कांग्रेस को झटका

उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के लिए यह सोचना गलत रहा कि मोदी नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर अपने आप चुनावों में भाजपा शासित राज्यों में काम करेगी. कांग्रेस नेता ने कहा, 'हमें समझना होगा कि हमें मोदी, अमित शाह के विरोध में हैं और वे अलग सोचते हैं, अलग करते हैं और अगर हम अपने दृष्टिकोण में लचीले नहीं हुए तो साफ कहूं हम अप्रासंगिक हो जाएंगे.'

उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी को यह भी मानना होगा कि भारत बदला है. उन्होंने कहा, 'पुराने नारे काम नहीं करते, पुराना फॉर्मूला काम नहीं करता, पुराना मंत्र काम नहीं करता. भारत बदल गया है, कांग्रेस पार्टी को बदलना होगा'.

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