'अशोक वाटिका' पहà¥à¤‚चे उमेश यादव, पतà¥à¤¨à¥€ तानà¥à¤¯à¤¾ संग
शà¥à¤°à¥€à¤²à¤‚का के खिलाफ तीसरा टेसà¥à¤Ÿ शà¥à¤°à¥‚ होने से पहले टीम इंडिया के खिलाड़ी सैर-सपाटे में वà¥à¤¯à¤¸à¥à¤¤ हैं. सीरीज का आखिरी टेसà¥à¤Ÿ 12 अगसà¥à¤¤ से पलà¥à¤²à¥‡à¤•à¥‡à¤² में खेला जाà¤à¤—ा. लेकिन इससे पहले टीम इंडिया के तेज गेंदबाज उमेश यादव 'अशोक वाटिका' पहà¥à¤‚चे. इंसà¥à¤Ÿà¤¾à¤—à¥à¤°à¤¾à¤® पर उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने तसà¥à¤µà¥€à¤° शेयर की है, जिसमें वह अपनी पतà¥à¤¨à¥€ तानà¥à¤¯à¤¾ वाधवा के साथ हैं.
मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ है कि जब रावण ने सीता का हरण किया था. मां सीता ने अशोक वाटिका में 11 महीने गà¥à¤œà¤¾à¤°à¥‡ थे. उस वकà¥à¤¤ यहां अशोक का विशाल वृकà¥à¤· हà¥à¤† करता था. हालांकि आज इस वाटिका में केवल à¤à¤•-दो अशोक के वृकà¥à¤· बचे हैं. मां सीता के बैठने की जगह किसी के पैरों तले न पड़े इसीलिठयहां मंदिर बनाया गया है. यहां à¤à¤¾à¤°à¤¤ से ही नहीं, अनà¥à¤¯ देशों से à¤à¥€ सैलानी यहां आते हैं.
अशोक वाटिका में सीता कà¥à¤‚ड से थोड़ा आगे बà¥à¤¨à¥‡ पर दो विशाल पैरों के निशान हैं. जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ अब पीले पेंट से संजोये रखा गया है. माना जाता है कि सीता की तलाश में जब हनà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤œà¥€ लंका पहà¥à¤‚चे थे, तो अशोक वाटिका में पड़े ये उनके पहले चरण थे. हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ ने अपने साथ राम की à¤à¥‡à¤œà¥€ अंगूठी सीता को सौंपी थी और à¤à¤°à¥‹à¤¸à¤¾ दिलाया था कि राम रावण को पराजय करने और उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ यहां से ले जाने जरूर आà¤à¤‚गे. ये निशान उसी की गवाही देते हैं.