सितंबर के पहले हफà¥à¤¤à¥‡ में आà¤à¤—ा 200 रà¥à¤ªà¤ का नया नोट
रिजरà¥à¤µ बैंक ऑफ इंडिया मà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾ के अवैध वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤° को रोकने के लिठइतिहास में पहली बार 200 रà¥à¤ªà¤ का नया नोट लाने जा रही है। माना जा रहा है कि अगसà¥à¤¤ के आखिरी दिनों या सितंबर के पहले हफà¥à¤¤à¥‡ में आम लोगों के हाथ में 200 रà¥à¤ªà¤ का यह नया नोट आ सकता है।
मामले के बारे में जानकारी रखने वाले à¤à¤• सूतà¥à¤° ने बताया कि 100 रà¥à¤ªà¤ और 500 रà¥à¤ªà¤ के बीच का कोई नोट अà¤à¥€ तक उपलबà¥à¤§ नहीं है। लिहाजा आरबीआई का मानना है कि 200 रà¥à¤ªà¤ का नया नोट काफी उपयोगी होगा। इसके साथ ही आम लोगों तक नोटों की उपलबà¥à¤§à¤¤à¤¾ सà¥à¤¨à¤¿à¤¶à¥à¤šà¤¿à¤¤ कराने के लिठआरबीआई हर संà¤à¤µ कोशिश कर रही है।
à¤à¤¸à¥€ रिपोरà¥à¤Ÿ आ रही हैं कि नोटबंदी के बाद जारी किठगठनठ2000 रà¥à¤ªà¤ के नोट की अवैध तरीके से होरà¥à¤¡à¤¿à¤‚ग की गई और कालाबाजारी हà¥à¤ˆà¥¤ आरबीआई की कोशिश है कि किसी तरह जाली नोटों पर लगाम लगाई जा सके। सूतà¥à¤°à¥‹à¤‚ के मà¥à¤¤à¤¾à¤¬à¤¿à¤•, 200 के नोट के दो फायद होंगे। पहला, कैश लेन-देन में आसानी होगी और दूसरा इससे कà¥à¤² करंसी में छोटे नोटों की संखà¥à¤¯à¤¾ बढ़ जाà¤à¤—ी।
गौरतलब है कि नोटबंदी से पहले 500 के 1,717 करोड़ नोट थे और 1000 के 686 करोड़ नोट बाजार में चलन में थे। SBI की इकोनॉमिक रिसरà¥à¤š के मà¥à¤¤à¤¾à¤¬à¤¿à¤• नोटबंदी के बाद बड़े नोटों के शेयर में 70 फीसदी की कमी आई है। आरबीआई का कहना है कि लोगों के लिठलेन-देन को आसान करने के मकसद से इन नोटों को जारी किया जा रहा है।