इनकी सकà¥à¤°à¥€à¤¯à¤¤à¤¾ ने माया सिंह की उड़ाई नींद
गà¥à¤µà¤¾à¤²à¤¿à¤¯à¤° । à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ जनता पारà¥à¤Ÿà¥€ के यà¥à¤¬à¤¾ ओर तेज तरà¥à¤°à¤¾à¤° नेता , पारà¥à¤·à¤¦ डॉकà¥à¤Ÿà¤° सतीश सिंह सिकरबार की लशà¥à¤•à¤° पूरà¥à¤¬ विधान सà¤à¤¾ मे लगातार बà¥à¤¤à¥€ सकà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¤à¤¾ ब लोकपà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¤à¤¾ ने मंतà¥à¤°à¥€ माया सिंह की नींद उड़ा दी है । जन पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿ से जनसेबा में अपनी खास पहचान बना चà¥à¤•à¥‡ डॉकà¥à¤Ÿà¤° सिकरबार हर बरà¥à¤— में अपने कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ की बजह से गहरी पैठबना चà¥à¤•à¥‡ हैं । à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ के à¤à¤• à¤à¤¸à¥‡ नेता हैं जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने जन उतà¥à¤¥à¤¾à¤¨ नà¥à¤¯à¤¾à¤¸ के माधà¥à¤¯à¤® से à¤à¤• नही अनेक कारà¥à¤¯ हाथ मे लिये , हर साल निशà¥à¤²à¥à¤• कंनà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¥‹à¤‚ का विबाह जिनकी संखà¥à¤¯à¤¾ 200 के ऊपर पहà¥à¤‚च चà¥à¤•à¥€ है । शिकà¥à¤·à¤• समà¥à¤®à¤¾à¤¨ समारोह, मेधाबी छातà¥à¤° छातà¥à¤°à¤¾à¤“ं का समà¥à¤®à¤¾à¤¨ , गरीब छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ को बेग ब पाठà¥à¤¯ पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• बितरण , बà¥à¤œà¤°à¥à¤—ों का समà¥à¤®à¤¾à¤¨ , गरीबों का निशà¥à¤²à¥à¤• इलाज कराना ओर दबाà¤à¤‚ दिलबाना , गरीब छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ की फीस à¤à¤°à¤¨à¥‡ के लिये आरà¥à¤¥à¤¿à¤• सहायता करना जैसे अनेक काम समाज के हित मे करना उनकी आदत बन गई है ।
कहते हैं कि जिद, जजà¥à¤¬à¤¾ ओर जà¥à¤¨à¥‚न को आतà¥à¤®à¤¸à¤¾à¤¤ कर जो लोग कम करते हैं ।कामयाबी उनके कदम चूमती है । डॉकà¥à¤Ÿà¤° सतीश सिंह सिकरबार के साथ अपार जनाधार है , इसकी बजह हर आदमी के सà¥à¤– और दà¥à¤ƒà¤– में हर बकà¥à¤¤ खड़े रहना है । जो काम हाथ मे लेते हैं उसे पूरी ईमानदारी से पूरा करते हैं , चाहे पारà¥à¤Ÿà¥€ का काम हो या समाज सेबा का ।दो बार पारà¥à¤Ÿà¥€ ने सदसà¥à¤¯à¤¤à¤¾ का कारà¥à¤¯ सौंपा ओर लकà¥à¤› से अधिक राशि à¤à¤•à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¤ कर रिकॉरà¥à¤¡ बनाया । पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ कारà¥à¤¯ समिति के आयोजन की जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ मिली उसे पूरा किया । इसके अलाबा जो à¤à¥€ कारà¥à¤¯ सौंपे गये , पूरे किये । जनाधार इतना जबरजसà¥à¤¤ की चार बार से पारà¥à¤·à¤¦ का चà¥à¤¨à¤¾à¤µ पति ,पतà¥à¤¨à¥€ जीतते आ रहे हैं और इस बार डॉकà¥à¤Ÿà¤° सिकरबार निरà¥à¤¬à¤¿à¤°à¥‹à¤§ पाषरà¥à¤¦ चà¥à¤¨à¥‡ गठ। सबको साथ लेकर चलना उनकी कारà¥à¤¯à¤¶à¥ˆà¤²à¥€ है ।
महापà¥à¤°à¤·à¥‹à¤‚ ओर धारà¥à¤®à¤¿à¤• ब सामाजिक आयोजनों बो किसी à¤à¥€ समाज के हों उनके निकलने बाले चल समारोह का सà¥à¤µà¤¾à¤—त हर साल करते है । नवरातà¥à¤°à¤¿ में कनà¥à¤¯à¤¾ पूजन का कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® करते है । शहर में जब à¤à¥€ सरà¥à¤•à¤¸ या जादूगर आते हैं बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को निःशà¥à¤²à¥à¤• दिखवाते हैं ।
पीà¤à¤® मोदी के सफाई अà¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨ को अगर शहर में किसी ने चलाया तो बो डॉकà¥à¤Ÿà¤° सतीश सिंह सिकरबार हैं , जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने निरनà¥à¤¤à¤° उस कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® को गतिमान बनाठरखा , ओर लोग फोटो खिंचवाने तक सीमित रहे । गरà¥à¤®à¥€ के मौसम में जगह , जगह पियाऊ लगबाने का à¤à¥€ काम करते है । उनके काम करने का मूल मंतà¥à¤° गरीब की सेबा करना ही à¤à¤—बान की सेबा ।
डॉकà¥à¤Ÿà¤° सतीश सिंह सिकरबार का खेलो के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ à¤à¥€ बेहद लगाव है । शहर की अनेक खेल संसà¥à¤¥à¤“ं की मदद कर खिलाड़ियों को आगे लाने का काम करते है । जब à¤à¥€ देश या विदेश में किरà¥à¤•à¥‡à¤Ÿ के बड़े मैच होते हैं तो à¤à¤®à¤à¤²à¤¬à¥€ कॉलेज के मैदान पर बड़े परà¥à¤¦à¥‡ पर जनता को दिखबाते हैं । बरà¥à¤·à¤¾à¤¤ के मौषम में बारà¥à¤¡ सà¥à¤¤à¤° पर गोठों यानी सहà¤à¥‹à¤œ जैसे आयोजन à¤à¥€ करते हैं ।वैसे उनके कारà¥à¤¯à¥‹ की लंमà¥à¤¬à¥€ फेहरिशà¥à¤¤ है । जितना लिखा जाय कम हैं । इनदिनों बूथ लेबल पर डॉकà¥à¤Ÿà¤° सिकरबार अपनी टीम के साथ बैठकें कर रहे हैं और हर बूथ पर 10 से 15 लोगों की टीम बना रहे हैं ।