15 साल बाद होंगे यहां शिव के दरà¥à¤¶à¤¨
धार। नरà¥à¤®à¤¦à¤¾ के जल सà¥à¤¤à¤° में à¤à¤¾à¤°à¥€ गिरावट के चलते हिरणà¥à¤¯à¤•à¤¶à¥à¤¯à¤ª की तपसà¥à¤¥à¤²à¥€ हरणफाल में 15 साल से डूबा शिव मंदिर शनिवार को à¤à¥‚तड़ी अमावसà¥à¤¯à¤¾ पर हजारों शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥à¤“ं को नजर आà¤à¤—ा। रंगरोगन कर आयोजन की तैयारी पूरी हो गई है।
डही से करीब 15 किमी दूर धरमराय के à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• नरà¥à¤®à¤¦à¤¾ तट सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ धारà¥à¤®à¤¿à¤• सà¥à¤¥à¤² हरणफाल में धार, बड़वानी, खरगोन, आलीराजपà¥à¤° जिले के शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥ पहà¥à¤‚चेंगे। नरà¥à¤®à¤¦à¤¾ सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ के बाद पूजन-अरà¥à¤šà¤¨ के साथ ही दान-पà¥à¤£à¥à¤¯ का दौर चलेगा। यहां से शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥ कलशों में नरà¥à¤®à¤¦à¤¾ का जल à¤à¤°à¤•à¤° अपने साथ ले जाà¤à¤‚गे। शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥ इस पानी से गणगौर की पूजा-अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ करते हैं।
इस सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ का पौराणिक महतà¥à¤µ à¤à¥€ है। बताया जाता है कि हरणफाल को हिरणà¥à¤¯à¤•à¤¶à¥à¤¯à¤ª ने बसाया था। उसने यहां शिव मंदिर का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ कर à¤à¤—वान शिव की कड़ी तपसà¥à¤¯à¤¾ की थी। राजा धरà¥à¤®à¤°à¤¾à¤œ ने à¤à¥€ यहां तपसà¥à¤¯à¤¾ की थी। उनà¥à¤¹à¥€à¤‚ के नाम से धरमराय गांव का नाम पड़ा।
सालों से यहां आने वाले कई शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥à¤“ं ने बताया हर चटà¥à¤Ÿà¤¾à¤¨ पर शिवलिंग थे। शिव मंदिर के पास गंगा-जमà¥à¤¨à¤¾ नामक दो कà¥à¤‚ड à¤à¥€ हैं, लेकिन ये पानी में डूबे हà¥à¤ थे। यहां कई à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• धरोहरें जीरà¥à¤£-शीरà¥à¤£ पड़ी हà¥à¤ˆ हैं।