गà¥à¤µà¤¾à¤²à¤¿à¤¯à¤° के सतà¥à¤¯à¥‡à¤‚दà¥à¤° की कामयाबी, इंगà¥à¤²à¤¿à¤¶ चैनल पार करने वाले पहले à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ दिवà¥â€à¤¯à¤¾à¤‚ग बने
गà¥à¤µà¤¾à¤²à¤¿à¤¯à¤°à¥¤ कहते हैं जोश, जजà¥à¤¬à¤¾ और जà¥à¤¨à¥‚न हो तो कोई à¤à¥€ काम नामà¥à¤®à¤•à¤¿à¤¨ नहीं है। गà¥à¤µà¤¾à¤²à¤¿à¤¯à¤° के पैरा सà¥à¤µà¤¿à¤®à¤° सतà¥à¤¯à¥‡à¤‚दà¥à¤° लोहिया पर यह बात सटीक बैठती है। सतà¥à¤¯à¥‡à¤¨à¥à¤¦à¥à¤° ने इंगà¥à¤²à¤¿à¤¶ चैनल को पार करके अनूठी कामयाबी हासिल की है। सà¥à¤µà¤¿à¤®à¤° सतà¥à¤¯à¥‡à¤¨à¥à¤¦à¥à¤° लोहिया ने 12 घंटे और 26 मिनट में 36 किलोमीटर की इंगà¥à¤²à¤¿à¤¶ चैनल पार की है।
रिले की तरà¥à¤œ पर सतà¥à¤¯à¥‡à¤¨à¥à¤¦à¥à¤° ने अपने 3 साथियों के साथ यह उपलबà¥à¤§à¤¿ हासिल की है। महाराषà¥à¤Ÿà¥à¤° के चेतन राउत, बंगाल के रीमो शाह और राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ के जगदीश चनà¥à¤¦à¥à¤° ने तैराकी की। यही नहीं, सतà¥à¤¯à¥‡à¤¨à¥à¤¦à¥à¤° इंगà¥à¤²à¤¿à¤¶ चैनल पार करने वाले रिले में à¤à¤¶à¤¿à¤¯à¤¾ के पहले पैरा सà¥à¤µà¤¿à¤®à¤° à¤à¥€ बन गठहै। उलà¥à¤²à¥‡à¤–नीय है कि विकà¥à¤°à¤® अवारà¥à¤¡à¥€ सतà¥à¤¯à¥‡à¤¨à¥à¤¦à¥à¤° लोहिया ने तैराकी सà¥à¤ªà¤°à¥à¤§à¤¾à¤“ं में अब तक 16 मैडल जीते हैं।
12 घंटे 26 मिनट में पार की 36 किलोमीटर लंबी इंगà¥à¤²à¤¿à¤¶ चैनल
सतà¥à¤¯à¥‡à¤‚दà¥à¤° 12 घंटे और 26 मिनट में 36 किलोमीटर लंबी इंगà¥à¤²à¤¿à¤¶ चैनल पार करने वाले रिले में पहले à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ दिवà¥à¤¯à¤¾à¤‚ग बन गठहैं। यही नहीं पूरे à¤à¤¶à¤¿à¤¯à¤¾ में à¤à¥€ रिले में यह खिताब हासिल करने वाले वह पहले दिवà¥à¤¯à¤¾à¤‚ग तैराक बन गठहैं। सतà¥à¤¯à¥‡à¤‚दà¥à¤° ने नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर कई खिताब हासिल किठहैं।
बचपन में ही खराब हो गठथे पैर
गौरतलब है कि सतà¥à¤¯à¥‡à¤‚दà¥à¤° बचपन से ही दिवà¥à¤¯à¤¾à¤‚ग हैं। जब वह 15 दिन के थे, तà¤à¥€ गà¥à¤²à¥‚कोज डà¥à¤°à¤¿à¤ª के रिà¤à¤•à¥à¤¶à¤¨ के चलते उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपने पैर खो दिठथे। सतà¥à¤¯à¥‡à¤‚दà¥à¤° को बचपन से ही तैराकी का शौक था, लेकिन दिवà¥à¤¯à¤¾à¤‚गता के चलते शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ में उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ खासी समसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं का सामना करना पड़ा, लेकिन दिवà¥à¤¯à¤¾à¤‚गता को उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया और à¤à¤¿à¤‚ड जिले के अंतरà¥à¤—त बैसली नदी में तैराकी करने लगे। इसके बाद तैराकी उनका पैशन बन गया और आज उसी तैराकी ने उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ यह मà¥à¤•à¤¾à¤® दिलाया।
2009 में मिला पहला मेडल
सतà¥à¤¯à¥‡à¤‚दà¥à¤° के कोच पà¥à¤°à¥‹.वीके डबास ने बताया कि सतà¥à¤¯à¥‡à¤‚दà¥à¤° सन 2007 में उनके पास पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤£ के लिठआठथे। धà¥à¤¨ के पकà¥à¤•à¥‡ सतà¥à¤¯à¥‡à¤‚दà¥à¤° ने कोलकाता में 2009 में पहला मेडल हासिल किया। सतà¥à¤¯à¥‡à¤‚दà¥à¤° को इंगà¥à¤²à¥ˆà¤‚ड छोड़कर हाल ही में गà¥à¤µà¤¾à¤²à¤¿à¤¯à¤° लौटकर आठपà¥à¤°à¥‹. डबास ने बताया कि बचपन से ही सतà¥à¤¯à¥‡à¤‚दà¥à¤° को कई तरह के तानों का सामना करना पडा था। लोग हमेशा उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ इसी बात का à¤à¤¹à¤¸à¤¾à¤¸ दिलाते रहते थे कि वह परिवार पर बोठहैं और अपने जीवन में कà¥à¤› नहीं कर सकते। इसी बात को चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¥€ मानकर उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने तैराकी के शौक को पैशन में बदल दिया।
वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में गà¥à¤µà¤¾à¤²à¤¿à¤¯à¤° के मà¥à¤°à¤¾à¤° में रह रहे सतà¥à¤¯à¥‡à¤‚दà¥à¤° के पिता गया पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ लोहिया ने खà¥à¤¶à¥€ जाहिर करते हà¥à¤ कहा कि उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ अपने बेटे पर नाज है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने लोगों को संदेश देते हà¥à¤ कहा कि दिवà¥à¤¯à¤¾à¤‚ग बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को बोठनहीं समà¤à¥‡à¤‚। उनकी जिस खेल या अनà¥à¤¯ किसी विधा में रà¥à¤šà¤¿ हो, उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ उसमें पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤ करना चाहिà¤à¥¤ दिवà¥à¤¯à¤¾à¤‚ग बचà¥à¤šà¤¾ कà¥à¤¯à¤¾ कर पाà¤à¤—ा, जैसे समाज के तानों से उसे निराश न होने दें।