शहीद रंजीत सिंह की सैनिक समà¥à¤®à¤¾à¤¨ के साथ हà¥à¤ˆ अंतेषà¥à¤Ÿà¤¿ ,मंतà¥à¤°à¥€ नरोतà¥à¤¤à¤® मिशà¥à¤° ने अरà¥à¤¥à¥€ को दिया कनà¥à¤§à¤¾ और पà¥à¤·à¥à¤ªà¤šà¤•à¥à¤° अरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ किया
दतिया। कशà¥à¤®à¥€à¤° के कà¥à¤ªà¤µà¤¾à¥œà¤¾ में पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥€ आतंकवादियों से आमने सामने की मà¥à¤ à¤à¥‡à¥œ में शहीद हà¥à¤ दतिया के जवान रंजीत सिंह तोमर का पारà¥à¤¥à¤¿à¤µ शरीर उनके गांव रेव पहà¥à¤‚चा। सैनà¥à¤¯ समà¥à¤®à¤¾à¤¨ के साथ अंतà¥à¤¯à¥‡à¤·à¥à¤Ÿà¤¿ की गई.मà¥à¤–ागà¥à¤¨à¤¿ छोटे à¤à¤¾à¤ˆ रामबाबाबू सिंह तोमर ने दी .
शहीद के घर लोगों के पहà¥à¤‚चने का सिलसिला जारी है। सेना के अधिकारी à¤à¥€ शहीद के गांव पहà¥à¤‚च गठहैं।पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ सरकार के जनसमà¥à¤ªà¤°à¥à¤• मंतà¥à¤°à¥€ डॉकà¥à¤Ÿà¤° नरोतà¥à¤¤à¤® मिशà¥à¤° नेअरà¥à¤¥à¥€ को कनà¥à¤§à¤¾ दिया और सरकार की और से पà¥à¤·à¥à¤ªà¤šà¤•à¥à¤° अरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ किया .मातम के इस माहौल में मंतà¥à¤°à¥€ डॉकà¥à¤Ÿà¤° मिशà¥à¤° ने शहीद के परिजनों को गले लगाकर ढांà¥à¤¸ बंधाया . नम आà¤à¤–ों से लोग रंजीत सिंह अमर रहे के नारे लगा रहे थे.
रंजीत के पिता पà¥à¤°à¤¤à¤¾à¤ª सिंह तोमर ने बताया कि रंजीत तीन à¤à¤¾à¤‡à¤¯à¥‹à¤‚ में दूसरे नबंर का था। उसकी बचपन से ही सेना में à¤à¤°à¥à¤¤à¥€ होकर देश की सेवा करने की इचà¥à¤›à¤¾ थी। 6 साल पहले जब शिवपà¥à¤°à¥€ में सेना की à¤à¤°à¥à¤¤à¥€ रैली आयोजित हà¥à¤ˆ तो वह पहले ही पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ में सेनà¥à¤¯ सेवा के लिठचà¥à¤¨ लिया गया।
5 साल का सैनà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤£ कशà¥à¤®à¥€à¤° में पूरा करने के बाद 4 माह पहले ही रंजीत को à¤à¤¾à¤‚सी में पदसà¥à¤¥ किया गया था। अà¤à¥€ à¤à¤• महीने पहले रंजीत परिवार में शादी में शामिल होने गांव आया था तब उसने फिर से कशà¥à¤®à¥€à¤° में पदसà¥à¤¥à¥€ के लिठअपनी रंजीमेंट में आवेदन दिया था जिसके बाद उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ फिर से कशà¥à¤®à¥€à¤° के कà¥à¤ªà¤µà¤¾à¥œà¤¾ में पाक की सीमा की चौकी पर तैनात किया गया।