हसà¥à¤¤à¤°à¥‡à¤–ा: à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¥€ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के हाथों में ही बनता है यह परà¥à¤µà¤¤
हसà¥à¤¤à¤°à¥‡à¤–ा जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· में हथेलियों की बनावट, रेखाओं और चिहà¥à¤¨à¥‹à¤‚ के आधार पर à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ व सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µ के बारे में पता लगाया जा सकता है। à¤à¥‡à¤¸à¥‡ ही हसà¥à¤¤à¤°à¥‡à¤–ा विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ में हथेली में मौजूद परà¥à¤µà¤¤à¥‹à¤‚ का à¤à¥€ अलग महतà¥à¤µ है। कहा जाता है कि अगर किसी वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ का शनि परà¥à¤µà¤¤ उà¤à¤°à¤¾ हà¥à¤† होता है तो वह बहà¥à¤¤ लकी होता है। आइठजानते हैं इससे जà¥à¤¡à¤¼à¥€ कà¥à¤› बातें
पंडित राजेश शरà¥à¤®à¤¾ के मà¥à¤¤à¤¾à¤¬à¤¿à¤• मधà¥à¤¯à¤®à¤¾ अंगà¥à¤²à¥€ के नीचे शनि परà¥à¤µà¤¤ का सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ है। खास बात यह है कि शनि परà¥à¤µà¤¤ बहà¥à¤¤ à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¥€ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के हाथों में ही विकसित होता है। शनि गà¥à¤°à¤¹ से पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ मनà¥à¤·à¥à¤¯ के शारीरिक गठन को बहà¥à¤¤ आसानी से पहचाना जा सकता है। à¤à¤¸à¥‡ मनà¥à¤·à¥à¤¯ कद में असामानà¥à¤¯ रूप से लमà¥à¤¬à¥‡ होते हैं। उनका शरीर सà¥à¤¸à¤‚गठित होता है, लेकिन सिर पर बाल कम होते हैं। लमà¥à¤¬à¥‡ चेहरे पर अविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ और संदेह से à¤à¤°à¥€ उनकी गहरी और छोटी आंखें हमेशा उदास रहती हैं। बावजूद इसके उतà¥à¤¤à¥‹à¤œà¤¨à¤¾, कà¥à¤°à¥‹à¤§ और घृणा को ये छिपा नहीं पाते।
वासà¥à¤¤à¥ : à¤à¤• मोर पंख आपको कर सकता है मालामाल, जानें कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ है शà¥à¤
पूरà¥à¤£ विकसित शनि परà¥à¤µà¤¤ वाला मनà¥à¤·à¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¬à¤² à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¨ होता है। à¤à¤¸à¥‡ मनà¥à¤·à¥à¤¯ जीवन में अपने पà¥à¤°à¤¯à¤¤à¥à¤¨à¥‹à¤‚ से अधिक उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करते हैं। शà¥à¤ शनि परà¥à¤µà¤¤ पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨ मनà¥à¤·à¥à¤¯ इंजीनियर, वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤•, जादूगर, साहितà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤°, जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤·à¥€, कृषक à¤à¤µà¤‚ रसायन शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ होते हैं। शà¥à¤ शनि परà¥à¤µà¤¤ वाले सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€-पà¥à¤°à¥à¤· पà¥à¤°à¤¾à¤¯à¤ƒ अपने माता-पिता की इकलौती संतान होते हैं। उनके जीवन में पà¥à¤°à¥‡à¤® सरà¥à¤µà¥‹à¤ªà¤°à¤¿ होता है। बà¥à¤¢à¤¾à¤ªà¥‡ तक पà¥à¤°à¥‡à¤® में उनकी रà¥à¤šà¤¿ रहती है। वे सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µ से संतोषी और कंजूस होते हैं।