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हरियाणा में संविधान दिवस के दिन हटाई अंबेडकर की प्रतिमा, पुलिस-ग्रामीणों के संघर्ष में कई घायल, 18 गिरफ्तार

संविधान दिवस के दिन शनिवार को फरीदाबाद स्‍थित गांव दौलताबाद में हरियाणा सरकार की पुलिस और अफसर डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्ति हटाने पहुंच गए। इसे लेकर ग्रामीणों और पुलिस के बीच जमकर संघर्ष हुआ। मूर्ति हटाने पहुंचीं प्रशासन और पुलिस की टीमों पर दौलताबाद गांव वालों ने पथराव कर दिया। इसमें पांच पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए। हालात को काबू करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। करीब डेढ़ घंटे तक चले संघर्ष के अंत में पुलिस ने घरों में घुसकर हमलावरों को काबू किया।
पुलिस ने प्रशासन का विरोध करने और सरकारी कर्मचारियों पर हमला करने के आरोप में 18 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस प्रशासन द्वारा की गई इस कार्रवाई के विरोध में गांव के 300-400 लोगों ने अर्धनग्न होकर एनएच-2 से प्रदर्शन करते हुए संसद के लिए कूच किया। लेकिन दिल्‍ली पुलिस ने उन्‍हें आली गांव के पास रोक लिया है।
चूंकि कार्रवाई उस दिन की गई जब पूरा देश संविधान निर्माता बाबा साहब अंबेडकर को याद कर रहा है। इसलिए अब इसे लेकर सियासत गर्म होने के आसार हैं। प्रदर्शनकारियों ने मोदी और मनोहर लाल सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। उधर, पुलिस और प्रशासन ने मिलकर विवादित जमीन पर कब्जा कर शाम को दीवार खड़ी करवा दी।
यह जमीन हुडा इंप्लायज वेलफेयर ऑर्गनाइजेशन (हीवो) की बताई गई है। सेक्टर 19 स्थित इस जमीन पर कुछ दिन पहले डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्ति स्थापित की गई थी। इसीलिए मूर्ति को पहले भी हटाने का प्रयास किया गया था। जिसे लेकर करीब 2 महीने तक ग्रामीणों ने धरना-प्रदर्शन किया था। अवैध निर्माण हटाने के लिए शनिवार सुबह साढ़े पांच बजे हुडा, राजस्व अधिकारी और शहर के कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंच गई।
जैसे ही हुडा कर्मचारियों ने अवैध निर्माण हटाना शुरू किया दौलताबाद गांव के लोग विरोध करते हुए सड़क पर उतर आए। पुलिस ने लाठियां पटक कर उन्हें खदेड़ दिया। लोगों ने घरों की छत पर चढ़ कर पुलिस पर पत्थरबाजी और पेट्रोल बम से हमले शुरू कर दिए। छतों से हो रहे पथराव के आगे पुलिस करीब आधे घंटे बेबस नजर आई।
ये हैं घायल, ऐसे किया बचाव
इस दौरान सिर पर पत्थर लगने से एएसआई जान मोहम्मद मरणासन्न होकर गिर पड़े। साथी पुलिस वालों ने पथराव के बीच किसी तरह उन्हें बाहर निकाल कर अस्पताल पहुंचाया। पथराव में इंस्पेक्टर कुलदीप दहिया, हवलदार रफीक, हवलदार जितेंद्र, सिपाही सुरेंद्र को गंभीर चोटें आईं जबकि पंद्रह से अधिक पुलिसकर्मी चोटिल हो गए।
साईमंदिर के पास स्थित एक इंस्टीट्यूट की छत पर चढ़ पुलिस कर्मियों ने पत्थरबाजों पर पथराव शुरू किया तो हमला कमजोर पड़ा। इसके बाद पुलिस ने गांव में घुस कर हमलावरों को काबू करना शुरू किया। घरों में छिपे बैठे हमलावरों को पुलिस ने ढूंढ ढूंढ कर निकाला। हालांकि गांव के अधिकतर लोग दूसरे रास्तों से भाग निकलने में कामयाब रहे।

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