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उमा भारती बोलीं-मैंने भाजपा नहीं छोड़ी थी, मुझे निकाला गया था

सागर। à¤•à¥‡à¤‚द्रीय पेयजल स्वच्छता मंत्री उमा भारती ने शुक्रवार को यहां भाजपा की वरिष्ठ नेत्री स्व. राजमाता विजयाराजे सिंधिया के जन्म शताब्दी समारोह के तहत आयोजित कमल शक्ति संवाद कार्यक्रम में कहा कि मैंने कभी भाजपा नहीं छोड़ी, बल्कि पार्टी ने मुझे निकाला था, जिस पर मैंने लिखित आपत्ति राष्ट्रीय कार्यसमिति में दर्ज कराई थी। बाद में पार्टी में मुझे ससम्मान वापस लिया गया।

उन्होंने महिलाओं का आव्हान किया है कि वे मौजूदा राजनीति के दौर से हटकर राजनीति करें। उन्होंने सलाह दी महिलाएं नेताओं की परिक्रमा लगाने के बजाए अपने पराक्रम से राजनीति में आगे आएं। यह सीख मुझे भाजपा की वरिष्ठ नेत्री स्व.राजमाता विजयाराजे सिंधिया ने दी थी। उन्हीं की बदौलत आज मैं राजनीति में इस मुकाम पर हूं। 

आयोजन राजमाता सिंधिया के जन्म शताब्दी समारोह के अवसर पर मध्यप्रदेश के 9 जिलों में शुक्रवार को एक साथ कमल शक्ति संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत सागर से इसलिए की गई क्योंकि राजमाता लंबे समय तक सागर में रहीं। इस अवसर पर शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक क्षेत्र में काम करने वालीं जिले की 9 महिलाओं को सुश्री भारती ने मंच से सम्मान किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सांसद लक्ष्मीनारायण यादव ने की।

बिना स्वागत, सत्कार कराए केंद्रीय मंत्री भारती ने मंच से माइक लिया और बोलना शुरू कर दिया। 45 मिनट के भाषण में उन्होंने राजमाता सिंधिया के रोचक संस्मरण सुनाए व उनके साथ बिताए क्षणों को याद किया। उन्होंने कहा राजमाता ने राजनीति में रहते हुए कभी परिस्थिति से समझौता नहीं किया और न ही पद की लालसा की।उनके राजनीतिक जीवन में केंद्र और मध्यप्रदेश में कई बार सरकारें बदलीं, लेकिन उन्होंने कभी पद से मोह नहीं पाला। जनसंघ से लेकर भारतीय जनता पार्टी को देश और प्रदेश में खड़ा करने में उनके योगदान को भुुलाया नहीं जा सकता है। अम्मा जी विद्या, बुद्धि और शक्ति की प्रेरणादायी थीं। 

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