देसी-विदेशी दिगà¥à¤—जों को पछाड़ डबà¥à¤²à¥à¤¯à¥‚वी रमण बने महिला टीम के कोच
दकà¥à¤·à¤¿à¤£ अफà¥à¤°à¥€à¤•à¤¾ के गैरी करà¥à¤¸à¥à¤Ÿà¤¨ पर तरजीह देते हà¥à¤ पूरà¥à¤µ सलामी बलà¥à¤²à¥‡à¤¬à¤¾à¤œ डबà¥à¤²à¥à¤¯à¥‚वी रमण को गà¥à¤°à¥à¤µà¤¾à¤° को à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ महिला कà¥à¤°à¤¿à¤•à¥‡à¤Ÿ टीम का कोच नियà¥à¤•à¥à¤¤ किया गया, जबकि चयन पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ को लेकर पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤•à¥‹à¤‚ में आपसी मतà¤à¥‡à¤¦ हैं, बीसीसीआई के सूतà¥à¤° ने पीटीआई को यह जानकारी दी. रमण (53 साल) इस समय बेंगलà¥à¤°à¥‚ में राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ कà¥à¤°à¤¿à¤•à¥‡à¤Ÿ अकादमी (à¤à¤¨à¤¸à¥€à¤) में बलà¥à¤²à¥‡à¤¬à¤¾à¤œà¥€ सलाहकार के तौर पर काम कर रहे हैं.
अधिकारी ने कहा, ‘करà¥à¤¸à¥à¤Ÿà¤¨ बीसीसीआई की तदरà¥à¤¥ चयन समिति की पहली पसंद थे, लेकिन रमण को यह पद मिला, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि करà¥à¤¸à¥à¤Ÿà¤¨ आईपीà¤à¤² फà¥à¤°à¥‡à¤‚चाइजी रायल चैलेंजरà¥à¤¸ बेंगलà¥à¤°à¥‚ के साथ अपना पद छोड़ने को तैयार नहीं हैं,’ चयन समिति में पूरà¥à¤µ कपà¥à¤¤à¤¾à¤¨ कपिल देव, अंशà¥à¤®à¤¨ गायकवाड़ और à¤à¤¸ रंगासà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ शामिल हैं, विशà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤ सूतà¥à¤° ने कहा कि पैनल ने बोरà¥à¤¡ को तीन नाम- करà¥à¤¸à¥à¤Ÿà¤¨, रमण और वेंकटेश पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ की सिफारिश की, लेकिन बीसीसीआई ने पद के लिठरमण को चà¥à¤¨à¤¾.
यह नियà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤•à¥‹à¤‚ की समिति (सीओà¤) के मà¥à¤¦à¥à¤¦à¥‡ पर विà¤à¤¾à¤œà¤¿à¤¤ विचारों के बावजूद की गई, जिसमें डायना à¤à¤¡à¥à¤²à¤œà¥€ ने चेयरमैन विनोद राय को चयन पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ रोकने को कहा था. बीसीसीआई कोषाधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· अनिरà¥à¤¦à¥à¤§ चौधरी ने à¤à¥€ पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ पर सवाल उठाठऔर कहा कि इसे राय की मंजूरी मिली थी, à¤à¤¡à¥à¤²à¤œà¥€ की नहीं.
रमण ने देश के लिठ11 टेसà¥à¤Ÿ और 27 वनडे खेले हैं और इस समय वह देश के सबसे योगà¥à¤¯ कोचों में से à¤à¤• हैं. वह तमिलनाडॠऔर बंगाल जैसी बड़ी रणजी टà¥à¤°à¥‰à¤«à¥€ टीम को कोचिंग दे चà¥à¤•à¥‡ हैं और à¤à¤¾à¤°à¤¤ अंडर-19 टीम के साथ à¤à¥€ काम कर चà¥à¤•à¥‡ हैं. उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ 1992-93 दौरे के दौरान दकà¥à¤·à¤¿à¤£ अफà¥à¤°à¥€à¤•à¤¾ में शतक जड़ने वाले पहले à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ के रूप में à¤à¥€ याद किया जाता है.
करà¥à¤¸à¥à¤Ÿà¤¨, रमण और पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ के अलावा 28 आवेदकों में से जिन अनà¥à¤¯ उमà¥à¤®à¥€à¤¦à¤µà¤¾à¤°à¥‹à¤‚ को गà¥à¤°à¥à¤µà¤¾à¤° को साकà¥à¤·à¤¾à¤¤à¥à¤•à¤¾à¤° के लिठछांटा गया था, उनमें मनोज पà¥à¤°à¤à¤¾à¤•à¤°, टà¥à¤°à¥‡à¤‚ट जॉनसà¥à¤Ÿà¤¨, दिमितà¥à¤°à¥€ मासà¥à¤•à¤°à¥‡à¤¨à¤¹à¤¸, बà¥à¤°à¥ˆà¤‚ड हॉग और कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ वेकंटाचर शामिल थे. इन तीन से मिलकर साकà¥à¤·à¤¾à¤¤à¥à¤•à¤¾à¤° किया गया, जबकि करà¥à¤¸à¥à¤Ÿà¤¨ सहित पांच अनà¥à¤¯ से सà¥à¤•à¤¾à¤‡à¤ª पर और à¤à¤• से फोन पर इंटरवà¥à¤¯à¥‚ लिया गया. à¤à¤¾à¤°à¤¤ की पà¥à¤°à¥à¤· टीम को 2011 विशà¥à¤µ कप में खिताब दिलाने वाले करà¥à¤¸à¥à¤Ÿà¤¨ इन सà¤à¥€ में पहली पसंद थे.
बीसीसीआई अधिकारी ने कहा, ‘तरजीह के कà¥à¤°à¤® में वह शीरà¥à¤· पर थे, लेकिन वह रायल चैलेंजरà¥à¤¸ बेंगलà¥à¤°à¥‚ को नहीं छोड़ना चाहते थे. रमण अचà¥à¤›à¥€ पसंद हैं, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि टीम को इस समय बलà¥à¤²à¥‡à¤¬à¤¾à¤œà¥€ कोच की जरूरत है. पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ इस कà¥à¤°à¤® में तीसरे नंबर पर थे.’ करà¥à¤¸à¥à¤Ÿà¤¨ 2008 से 2011 तक तीन वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ के लिठà¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ टीम के मà¥à¤–à¥à¤¯ कोच रहे थे. इसके बाद उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने 2011 से 2013 तक दकà¥à¤·à¤¿à¤£ अफà¥à¤°à¥€à¤•à¤¾ को कोचिंग दी. वह इस समय इंडियन पà¥à¤°à¥€à¤®à¤¿à¤¯à¤° लीग में रॉयल चैलेंजरà¥à¤¸ बेंगलà¥à¤°à¥‚ के मà¥à¤–à¥à¤¯ कोच हैं.
महिला टीम के कोच के तौर पर रमेश पोवार का विवादासà¥à¤ªà¤¦ अंतरिम कारà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤² 30 नवंबर को खतà¥à¤® हà¥à¤† था. पोवार à¤à¥€ इस इंटरवà¥à¤¯à¥‚ में शामिल हà¥à¤ थे. à¤à¤•à¤¦à¤¿à¤µà¤¸à¥€à¤¯ कपà¥à¤¤à¤¾à¤¨ और सीनियर खिलाड़ी मिताली राज के साथ चयन मà¥à¤¦à¥à¤¦à¥‹à¤‚ को लेकर उनके मतà¤à¥‡à¤¦ थे, जो सà¥à¤°à¥à¤–ियां बने. बोरà¥à¤¡ ने इसके बाद साकà¥à¤·à¤¾à¤¤à¥à¤•à¤¾à¤° की पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ पर आगे बढ़ने का फैसला किया था.