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कमलनाथ केबिनेट ने लिए कई निर्णय ,राजनीतिक दुर्भावना से दर्ज केस होंगे वापस

भोपाल। à¤®à¥à¤–्यमंत्री कमलनाथ ने अपने कार्यकाल का एक माह पूरा होने पर एक और वचन पूरा करते हुए राजनीतिक दुर्भावना से 15 साल में दर्ज झूठे मामलों को वापस लेने का फैसला गुरुवार को कैबिनेट में किया। इसके लिए जिला स्तर पर कमेटी बनेगी।

इसमें कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और लोक अभियोजन अधिकारी रहेंगे। प्रकरणों का परीक्षण करने के बाद समिति गृह विभाग को सिफारिश करेगी और विधि विभाग लोक अभियोजक के माध्यम से अदालत में केस वापसी के आवेदन लगाएंगे। राजनीतिक कार्यकर्ता, किसान, अनुसूचित जाति-जनजाति के व्यक्तियों पर धरना, प्रदर्शन, चक्काजाम और आंदोलन को लेकर दर्ज प्रकरण वापस होंगे।

 

जनसंपर्क और विधि विधायी मंत्री पीसी शर्मा और उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि राजनीतिक दुर्भावना से कार्यकर्ताओं पर जो प्रकरण दर्ज हुए थे, वे वापस लिए जाएंगे। बीते 15 साल में हजारों कार्यकर्ताओं पर झूठे मामले दर्ज किए गए हैं। कई प्रकरण तो ऐसे हैं, जिसमें व्यक्ति मौके पर था ही नहीं और नाम जुड़वा दिया गया।

ऐसे सभी प्रकरण वापस लेने की प्रक्रिया कैबिनेट ने तय कर दी है। जिला स्तर पर कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और लोक अभियोजन अधिकारी की समिति बनेगी। इस समिति के सामने आवेदक आवेदन देगा। समिति इसका परीक्षण करेगी और अनुशंसा गृह विभाग को भेजेगी। गृह विभाग इसे विधि विभाग को देगा और विधि विभाग जिला अभियोजन अधिकारी के माध्यम से अदालत में केस वापसी के आवेदन करेंगे।

 

किसान आंदोलन, राजनीतिक आंदोलन, अनुसूचित जाति व जनजाति के व्यक्तियों पर दुर्भावना से दर्ज कराए मामले वापस होंगे। विधि मंत्री शर्मा ने बताया कि भोपाल में 308 प्रकरण की जानकारी तो मुझे हैं, जिसमें व्यक्ति था ही नहीं और उसका नाम डाल दिया। एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि बसपा हो या कोई और दल, यदि प्रकरण राजनीतिक दुर्भावना से दर्ज हुआ है तो उसे वापस लिया जाएगा।

पेंशन और मजदूरी भुगतान नहीं अटकना चाहिए

 

कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन, वृद्धावस्था पेंशन और मजदूरी भुगतान किसी भी सूरत में नहीं अटकना चाहिए। समय पर भुगतान हो और पात्र व्यक्तियों को कोई परेशानी नहीं आनी चाहिए। यदि कोई शिकायत आती है तो उसकी जिम्मेदारी कलेक्टर की होगी।

फर्जी ऋण घोटाले पर होगी कार्रवाई

 

कैबिनेट में जय किसान फसल ऋण मुक्ति योजना पर चर्चा के दौरान ग्वालियर जिला सहकारी बैंक के करोड़ों रुपए के फर्जी ऋण घोटाला का मामला उठा। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सहकारी बैंकों में फर्जी कर्ज की शिकायतें आई हैं। ऐसे मामलों में सख्ती के साथ कार्रवाई हो। अनियमितता और धांधली के मामले में कलेक्टरों को कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

भाजपा ने तय कर लिया शिवराज मप्र में हस्तक्षेप न करें

 

एक सवाल के जवाब में उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भाजपा ने राष्ट्रीय स्तर पर पद देकर तय कर दिया है कि वे मध्यप्रदेश में हस्तक्षेप न करें। सरकार हमारी हैं, उन्हें किसानों की चिंता करने की जरूरत नहीं है। किसान के हर दर्द में हम साथ खड़े होंगे। दरअसल, शिवराज सिंह चौहान ने पाला प्रभावित क्षेत्र का दौरा करते हुए कहा कि सरकार के नुमाइंदे तो पाला प्रभावितों से मिलने नहीं पहुंचे, मैं उनके खेत जा रहा हूं।

 

 

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